Friday, 17 April 2015

अमर बलिदानी बख्तर साय एवं मुंडल सिंह की बलिदान दिवस के आयोजनों की धूम -रणधीर निधि

अमर बलिदानी बख्तर साय एवं मुंडल सिंह की बलिदान दिवस के आयोजनों की धूम 
-रणधीर निधि 

गुमलाl  गुमला में चार अप्रैल दिन शनिवार को अमर बलिदानी अर्थात शहीद बख्तर साय एवं मुंडल सिंह के बलिदान दिवस के आयोजनों की धूम रही l रायडीह प्रखंड के शहीद चौक नावागढ़ पतराटोली में शनिवार को अमर बलिदानी बख्तर साय एवं अमर शहीद मुंडल सिंह के बलिदान दिवस का आयोजन किया गया l इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, गुमला विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक शिव शंकर उराँव , पूर्व विधायक कमलेश उराँव मुख्य रूप से उपस्थित थे l कार्यक्रम के शुरुआत में आगत अतिथियों का भव्य स्वागत छऊ नृत्य मंडली के द्वारा स्वागत गान व नृत्य के साथ किया गया। तत्पश्चात बलिदानीद्वय बख्तर साय एवं मुंडल सिंह की प्रतिमा  पर माल्यार्पण किया गया। मुख्य कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मन्त्रों से पुरोहित नरसिंह होता के द्वारा किया गया l इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शहीद बख्तर साय और मुंडल सिंह की जीवनी पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि देश की स्वाधीनता में इन वीर पुरुषों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इन्होंने अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए उनके दांत खट्टे कर दिए थे। बासुदेव कोना को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने कहा कि बासुदेव कोना धार्मिक पौराणिक और ऐतिहासिक स्थल है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा l वीर शहीदों के परिजनों को सरकार की ओर सुविधा मुहैया कराने का भी प्रयास मैं अपने स्तर से करूँगा l गुमला विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक शिवशंकर उराँव ने गुमला को वीरभूमि की संज्ञा देते और अमर बलिदानी अर्थात शहीद बख्तर साय एवं मुंडल सिंह की स्वाधीनता संग्राम की कथा को स्मरण करते और बलिदानीद्वय को नमन करते हुए कहा कहा कि गुमला की वीरभूमि ने कई वीरों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश और धर्म के लिए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया l गुमला सहित समस्त झारखण्ड के वीर बलिदानियों की बलिदानियत अर्थात शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा l इस अवसर पर अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के अध्यक्ष रामशंकर सिंह रौतिया जाति के रहन –सहन ,रीति-रिवाज आदिके बारे में विस्तार से प्रकाश डालते और समाज व देश के ले लिए रौतिया जाति के पूर्वजों द्वारा किए गये सद्कार्यों को उल्लेख करते हुए कहा कि रौतिया समाज को एक जुट होने की आवश्यकता है। रौतिया समाज को आदिवासी का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने बलिदानीद्वय बख्तर साय एवं मुंडल सिंह को नमन करते हुए कहा कि वीर के परिजनों को सरकार की ओर से सुविधाएं दिया जाना चाहिए। आयोजन को पूर्व विधायक कमलेश उराँव,लाल प्रवीर नाथ शाहदेव, वसन्त कुमार लाल, रायडीह प्रखंड की प्रमुख यशोदा उराँव आदि ने वीर बख्तर साय एवं मुंडल सिंह के कार्यों और जीवनी पर प्रकाश डालते हुए अपनी बातें रखीं l

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा बलिदानीद्वय बख्तर साय एवं मुंडल सिंह के परिजनों की पगड़ीपोशी भी की गई l मुख्य रूप से बख्तर साय के परिजन जगमोहन सिंह, फुटला सिंह, बहादुर सिंह, कृपाल साय, करमपाल सिंह और मुंडल सिंह के परिजन बालेश्वर सिंह, रामजनम सिंह, बंधन सिंह, पंचम सिंह, विश्वनाथ सिंह को आगत अतिथियों के द्वारा पगड़ीपोशी कर सम्मानित किया गया l कार्यक्रम में अनुमंडल अधिकारी चैनपुर सीमा कुमारी उदयपुरी, अनुमंडल दण्डाधिकारी समीर कच्छप, विनय कुमार लाल, गजाधर सिंह, लालदेव सिंह, जगनारायण सिंह, घनश्याम सिंह, मांगू उरांव, शक्ति साहू, कुर्बान राय, बहादुर सिंह, पहलवान सिंह, गणेश सिंह, बालमुकंद सिंह, जगरनाथ सिंह, लक्ष्मण सिंह, मघई, बुधनाथ सिंह, कुलदीप सिंह, ईश्वर साय सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे l


उधर जिले के पालकोट प्रखंड के  बिलिंगबिरा पंचायत के खरवाडीह स्कूल मैदान में वीर अमर बलिदानी बख्तर साय और मुंडल सिंह की बलिदानी अर्थात शहादत दिवस सह सांस्कृतिक मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन झारखण्ड इकाई के केंद्रीय संयोजक के एन पंडित ने बख्तर और मुंडल के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। के एन पंडित ने कहा कि हमारी खुशियां और चल अचल संपत्ति को वापस पाने के लिए हमारे शहीदों ने कुर्बानी देकर हमें स्वाधीनता दिलाई है। हम शहीदों की कुर्बानी को बेकार नहीं जाने देंगे। वीरों की कुर्बानी पर हमारे देश से अंग्रेज गये है। केएन पंडित ने कहा कि हमें बख्तर और मुंडल के पदचिन्हों पर चलकर अपनी जमीन को बचाना होगा। कार्यक्रम को त्रिदेव घोष, जीतन मरांडी, सुरेंद्र सिंह और मुखिया मायावती देवी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्र से आये युवक-युवतियां महिला समूह की महिलाओं ने वीर शहीदों पर आधारित झांकी, सांस्कृतिक नाच, आधुनिक नाच, नुक्कड़ नाटक, आदि प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व खरवाडीह बस स्टैण्ड से ग्रामीण महिला समूह द्वारा लोटापानी के साथ मांदर की थाप पर आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए मंच तक लाया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शेषनाथ वर्णवाल, मुखिया मायावती देवी, चंदन भगत, सुरेंद्र सिंह, बजरंग सिंह, रामप्रताप सिंह, वासुदेव साव, साधु प्रधान, रामप्रसाद सिंह, लक्ष्मीनाथ सिंह, नन्दकुमार साहू, देवपाल खड़िया, बसंत सिंह, जीतू सिंह, दुर्गा सिंह, शंकर सिंह, बहाल सिंह, अमरनाथ सिंह, बिरसमनी देवी, गोवर्धन सिंह, जनार्दन सिंह, मुकुंद सिंह, फलिंद्र बड़ाईक, नारायण बड़ाईक, डुमनेश्वर सिंह, मंगल सिंह, राधे प्रधान, बिरसु सिंह, संतोषी देवी, अमृता देवी, दिनेश सिंह, रामेश्वर सिंह, मुकेश्वर साहू, सोमरा खड़िया, तेतरू सिंह, सुरेश सिंह, कल्लू सिंह आदि सैंकड़ों लोग उपस्थित थे। 

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