गुमला सदर अस्पताल की स्थिति दयनीय, जीवन रक्षक दवाएं खत्म,एंटी रैबिज भी नहीं, मरीज व परिजन परेशान
-रणधीर निधि
गुमलाl गुमला जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं lप्रखण्ड मुख्यालयों में अवस्थित प्राथमिक स्वाथ्य उपकेंद्रों को तो जाने दीजिए, गुमला मुख्यलय में अवस्थित सदर अस्पताल तक की स्थिति भी दयनीय कही जा सकती है l सदर अस्पताल गुमला के सम्बन्ध में यह खबर आश्चर्यजनक खबर छन कर आई है कि सदर अस्पताल गुमला में जीवन रक्षक दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं और यह स्थिति विगत वित्तीय वर्ष के दो माह पूर्व से बनी हुई है l कहा जा रहा है कि अस्पताल में दवाएं नहीं मिलने के कारण मरीज और उनके परिजन परेशान हैंl घबराहट की बात यह भी बतलाई जा रही है कि अभी यह स्थिति आगामी दो माह तक बने रहने की उम्मीद है l सरकार से आवंटन प्राप्ति की जो स्थिति गत वर्षों तक रही है , वही विलम्ब की स्थिति अब भी कायम हैl आवंटन प्राप्ति तत्पश्चात दवा खरीदगी तक मरीज व उनके परिजनों को इस स्थिति से जूझना पड़ेगा , इसमें कोई संशय नहींl खबर तो यह भी है की सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन देने की सीरिंज तक नहीं है और सिरिंज नहीं रहने के कारण जिले भर के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है l कारण यह है कि जिले भर में फिलवख्त सदर अस्पताल में ही एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है l फलतः जिले भर के कुक्कुर कटे यहीं आ रहे हैं l
जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रवंधन द्वारा दवा खरीदगी मद में मांगी गई आवंटन के विरूद्ध सरकार से कम राशि प्राप्त होना दवाओं की कमी का मुख्य कारण रहा है l इसके साथ ही प्राप्त राशि का समय पर उपलब्ध नहीं होना भी दवाओं का सदैव उपलब्ध नहीं होने का एक कारण है l अस्पताल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही आंकड़ों के अनुसार मांगी गई राशि से कम आवंटन उपलब्ध होने की यह स्थिति विगत सात –आठ वर्षों से निरंतर बनी हुई है, जबकि इस अस्पताल में प्रतिदिन औसतन तीन सौ रोगी अपनी इलाज के लिए आते हैं और यह जगजाहिर है कि इसमें से अधिकांश एक अनुमान के अनुसार ८० प्रतिशत गरीब परिवारों से आते हैं,जिनके पास साधारणतया इलाज कराने और दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होतेl ऐसे लोग बीमार पड़ने की स्थिति में सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर करते हैं और सरकारी अस्पतालों की स्थिति तो उनमे दो माह से जीवन रक्षक दवाओं तक के नदारद रहने की खबर से ही जानी जा सकती है l सदर अस्पताल में सौ शैय्या की यह व्यवस्था है , परन्तु अस्पताल मे आने वाले रोगियों की संख्या के अनुपात में यह कम पड़ता है l अतः शैय्याओं की संख्या में वृद्धि के साथ ही अन्य सुविधाएं भी अपेक्षित हैं l सदर अस्पताल में ही अवस्थित जन औषधि केंद्र भी की दिनों से बंद नजर अ रहा है l अस्पताल के कुछ लोगों के द्वारा सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना जन औषधि केंद्र की यह स्थिति भी दवाओं का उपलब्ध नहीं होना ही बतलाया जा रहा है l
जिले में कुक्कुर कटे की दवा एंटी रैबीज वैक्सीन के सिरिंज के सम्बन्ध में सनसनाती खबर है कि जिले के प्रायः स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफरल अस्पतालों में कुक्कुर कटे की दवा एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण जिले भर के कुक्कुर कटे सदर अस्पताल पहुँच रहे हैं l सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन तो उपलब्ध है परन्तु इसे देने के लिए सूई अर्थात सिरिंज ही नहीं है l परिणाम स्वरुप कुक्कुर काटों के साथ ही उनके परिजन भी हाल-बेहाल, परेशान हैं l बताया जा रहा है कि यहाँ एंटी रैबीज वैक्सीन तो अभी उपलब्ध है , परन्तु एंटी रैबीज दवा के लिए उपयोग में आने वाली प्वाइंट वन एमएल की सिरिंज नहीं है l खबर है कि अकेले सोमवार को गुमला, सिसई, घाघरा, गुमला, बसिया व कामडारा आदि प्रखंड क्षेत्रों से दो दर्जन से अधिक कुक्कुर कटे मरीज कुत्ता काटने के पश्चात् सदर अस्पताल आये थे, परन्तु सिरिंज उपलब्ध नहीं होने कारण बैरंग वापस हो गए l
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गुमला शेष नारायण झा ने स्वीकार किया कि आवंटन नहीं रहने के कारण जीवन रक्षक व अन्य दवाएं कमी है l जिसके कारण लोगों को कठिनाई हो रही हैlविगत वित्तीय वर्ष के मई जून में आठ लाख रूपये आया हुआ था l जिससे दवाओं की खरीदगी की गई थी तत्पश्चात तत्कालीन असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गुमला ने पन्द्रह लाख रूपये की मांग की गई, परन्तु आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण दवाइयां समाप्तप्राय है l श्री झा ने यह भी स्वीकार कि कुछ दिन पूर्व एंटी रैबीज वैक्सीन में उपयोग में आने वाली सिरिंज की कमी थी, परन्तु एंटी रबिज की दवा व सिरिंज अब उलब्ध है l इस सम्बन्ध में सरकार से पत्राचार किया गया है आवंटन प्राप्त होते ही सारी व्यवस्था कर ली जाएगी l
-रणधीर निधि
गुमलाl गुमला जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं lप्रखण्ड मुख्यालयों में अवस्थित प्राथमिक स्वाथ्य उपकेंद्रों को तो जाने दीजिए, गुमला मुख्यलय में अवस्थित सदर अस्पताल तक की स्थिति भी दयनीय कही जा सकती है l सदर अस्पताल गुमला के सम्बन्ध में यह खबर आश्चर्यजनक खबर छन कर आई है कि सदर अस्पताल गुमला में जीवन रक्षक दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं और यह स्थिति विगत वित्तीय वर्ष के दो माह पूर्व से बनी हुई है l कहा जा रहा है कि अस्पताल में दवाएं नहीं मिलने के कारण मरीज और उनके परिजन परेशान हैंl घबराहट की बात यह भी बतलाई जा रही है कि अभी यह स्थिति आगामी दो माह तक बने रहने की उम्मीद है l सरकार से आवंटन प्राप्ति की जो स्थिति गत वर्षों तक रही है , वही विलम्ब की स्थिति अब भी कायम हैl आवंटन प्राप्ति तत्पश्चात दवा खरीदगी तक मरीज व उनके परिजनों को इस स्थिति से जूझना पड़ेगा , इसमें कोई संशय नहींl खबर तो यह भी है की सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन देने की सीरिंज तक नहीं है और सिरिंज नहीं रहने के कारण जिले भर के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है l कारण यह है कि जिले भर में फिलवख्त सदर अस्पताल में ही एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है l फलतः जिले भर के कुक्कुर कटे यहीं आ रहे हैं l
जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रवंधन द्वारा दवा खरीदगी मद में मांगी गई आवंटन के विरूद्ध सरकार से कम राशि प्राप्त होना दवाओं की कमी का मुख्य कारण रहा है l इसके साथ ही प्राप्त राशि का समय पर उपलब्ध नहीं होना भी दवाओं का सदैव उपलब्ध नहीं होने का एक कारण है l अस्पताल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही आंकड़ों के अनुसार मांगी गई राशि से कम आवंटन उपलब्ध होने की यह स्थिति विगत सात –आठ वर्षों से निरंतर बनी हुई है, जबकि इस अस्पताल में प्रतिदिन औसतन तीन सौ रोगी अपनी इलाज के लिए आते हैं और यह जगजाहिर है कि इसमें से अधिकांश एक अनुमान के अनुसार ८० प्रतिशत गरीब परिवारों से आते हैं,जिनके पास साधारणतया इलाज कराने और दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होतेl ऐसे लोग बीमार पड़ने की स्थिति में सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर करते हैं और सरकारी अस्पतालों की स्थिति तो उनमे दो माह से जीवन रक्षक दवाओं तक के नदारद रहने की खबर से ही जानी जा सकती है l सदर अस्पताल में सौ शैय्या की यह व्यवस्था है , परन्तु अस्पताल मे आने वाले रोगियों की संख्या के अनुपात में यह कम पड़ता है l अतः शैय्याओं की संख्या में वृद्धि के साथ ही अन्य सुविधाएं भी अपेक्षित हैं l सदर अस्पताल में ही अवस्थित जन औषधि केंद्र भी की दिनों से बंद नजर अ रहा है l अस्पताल के कुछ लोगों के द्वारा सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना जन औषधि केंद्र की यह स्थिति भी दवाओं का उपलब्ध नहीं होना ही बतलाया जा रहा है l
जिले में कुक्कुर कटे की दवा एंटी रैबीज वैक्सीन के सिरिंज के सम्बन्ध में सनसनाती खबर है कि जिले के प्रायः स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफरल अस्पतालों में कुक्कुर कटे की दवा एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण जिले भर के कुक्कुर कटे सदर अस्पताल पहुँच रहे हैं l सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन तो उपलब्ध है परन्तु इसे देने के लिए सूई अर्थात सिरिंज ही नहीं है l परिणाम स्वरुप कुक्कुर काटों के साथ ही उनके परिजन भी हाल-बेहाल, परेशान हैं l बताया जा रहा है कि यहाँ एंटी रैबीज वैक्सीन तो अभी उपलब्ध है , परन्तु एंटी रैबीज दवा के लिए उपयोग में आने वाली प्वाइंट वन एमएल की सिरिंज नहीं है l खबर है कि अकेले सोमवार को गुमला, सिसई, घाघरा, गुमला, बसिया व कामडारा आदि प्रखंड क्षेत्रों से दो दर्जन से अधिक कुक्कुर कटे मरीज कुत्ता काटने के पश्चात् सदर अस्पताल आये थे, परन्तु सिरिंज उपलब्ध नहीं होने कारण बैरंग वापस हो गए l
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गुमला शेष नारायण झा ने स्वीकार किया कि आवंटन नहीं रहने के कारण जीवन रक्षक व अन्य दवाएं कमी है l जिसके कारण लोगों को कठिनाई हो रही हैlविगत वित्तीय वर्ष के मई जून में आठ लाख रूपये आया हुआ था l जिससे दवाओं की खरीदगी की गई थी तत्पश्चात तत्कालीन असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गुमला ने पन्द्रह लाख रूपये की मांग की गई, परन्तु आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण दवाइयां समाप्तप्राय है l श्री झा ने यह भी स्वीकार कि कुछ दिन पूर्व एंटी रैबीज वैक्सीन में उपयोग में आने वाली सिरिंज की कमी थी, परन्तु एंटी रबिज की दवा व सिरिंज अब उलब्ध है l इस सम्बन्ध में सरकार से पत्राचार किया गया है आवंटन प्राप्त होते ही सारी व्यवस्था कर ली जाएगी l
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