चेंबर ऑफ कॉमर्स गुमला का सरकारी भवन में चलता है कार्यालय
गुमला । गुमला भी गजब का जगह है ।यहाँ किसी का विरोध और प्रतिरोध कौन और कब कर देगा कहा नहीं जा सकता ? अब देखिए न जो कल तक जिस व्यावसायिक संस्था के प्रमुख हुआ करते थे आज वे उसी संस्था के कार्य प्रणाली के विरोध पर उतर नाराजगी जता रहे हैं और विरोध भी उस कार्य स्थल पर कार्यालय होने का कर रहे हैं ,जहाँ वे अपने कार्यकाल में बैठकर उस संस्था के कार्यों को निष्पादित करते रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स का अपना कोई भवन नहीं है इसलिए चैम्बर का कार्यालय एक सरकारी भवन में संचालित होता है। जानकारी यह भी है कि विगत कई वर्षों से लगातार चेंबर के अपने भवन के लिए जमीन की तलाश की जा रही है , परन्तु जमीन के खोज के नाम पर की जा रही सिर्फ खानापूर्ति पर अब चेंबर के सदस्यों ने ही विरोध करना शुरू कर दिया है। और चेम्बर के कुछ सदस्यों ने ही जिला प्रशासन से जशपुर पथ में अवस्थित स्टेडियम प्रबंधन की देखरेख वाले भवन में संचालित चेंबर के कार्यालय को खाली कराने की मांग प्रशासन से कर दी है। पत्र-पत्रिकाओं और कह्बरिया चैनलों कोडी वयान में भूतपूर्व चेंबर अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने अब तक चेंबर के लिए जमीन की खरीदगी नहीं हो पाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चेंबर पूर्ण रूप से एक व्यापारिक संस्था है एवं चेम्बर के द्वारा व्यापारियों के हित के लिए काम किया जाता है। चेंबर के सदस्यों से वार्षिक शुल्क लिया जाता है। चेंबर के कई सदस्य करोड़पति व लखपतिभी हैं। ऐसे में आज तक इस जिला में चेंबर का अपना भवन नहीं होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स के भूतपूर्व चेंबर अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने कहा कि सरकारी संपत्ति का उपयोग सामाजिक हित के लिए किया जा सकता है चाहे उसके लिए किराया देने का ही प्रावधान क्यों न हो। लेकिन व्यापारियों की एक मजबूत संस्था को काफी कम किराया पर सरकारी भवन देना ठीक नहीं है। उधर कुछ और व्यवसायियों ने कहा कि जब तक चेंबर का कार्यालय प्रशासन वापस नहीं लेती चेंबर के भवन निर्माण के लिए जमीन खरीद के कार्य में चेंबर के अधिकारी कोई रुचि नहीं लेंगे। प्रशासन को अविलंब चेंबर ऑफ कॉमर्स को उपयोग के लिए दिया भवन वापस लेकर उसके समाजिक कार्य करने वाले संस्था को आवंटित कर देना चाहिए। जिले के एक अन्य समाजसेवी और गुमला नगरपालिका के भूतपूर्व वार्ड आयुक्त राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने इस मामले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जिस सरकारी भवन में चेंबर का भवन संचालित होता है उस भवन का निर्माण खिलाड़ियों के ड्रेसिंग कक्ष के रूप में हुआ था, लेकिन प्रशासन द्वारा खिलाड़ियों की उपेक्षा करते हुए कुछ किराया वसूल करने के लिए एक व्यवसायिक संस्था चेंबर को कार्यालय के रूप मेंउपयोग करने के लिए दे दिया गया है। चेंबर के अन्य सदस्यों ने भी चेंबर के अपने भवन के लिए जमीन की खरीद किए जाने एवं जल्द से जल्द सरकारी भवन में संचालित कार्यालय को हटाने की मांग की है।उधर इस मामले पर गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान चेंबर अध्यक्ष मो. शब्बु का कहना है कि निश्चित रूप से चेंबर एक व्यवसायिक संगठन है, परन्तु जिस भवन में चेंबर का कार्यालय संचालित है उस भवन के उपयोग के एवज में प्रशासन को किराया दिया जाता है एवं कार्यालय का उद्घाटन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि चेंबर के भवन के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। कुछ लोग बेवजह इसे मुद्दा बनाकर तूल देते रहते हैं।
गुमला । गुमला भी गजब का जगह है ।यहाँ किसी का विरोध और प्रतिरोध कौन और कब कर देगा कहा नहीं जा सकता ? अब देखिए न जो कल तक जिस व्यावसायिक संस्था के प्रमुख हुआ करते थे आज वे उसी संस्था के कार्य प्रणाली के विरोध पर उतर नाराजगी जता रहे हैं और विरोध भी उस कार्य स्थल पर कार्यालय होने का कर रहे हैं ,जहाँ वे अपने कार्यकाल में बैठकर उस संस्था के कार्यों को निष्पादित करते रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स का अपना कोई भवन नहीं है इसलिए चैम्बर का कार्यालय एक सरकारी भवन में संचालित होता है। जानकारी यह भी है कि विगत कई वर्षों से लगातार चेंबर के अपने भवन के लिए जमीन की तलाश की जा रही है , परन्तु जमीन के खोज के नाम पर की जा रही सिर्फ खानापूर्ति पर अब चेंबर के सदस्यों ने ही विरोध करना शुरू कर दिया है। और चेम्बर के कुछ सदस्यों ने ही जिला प्रशासन से जशपुर पथ में अवस्थित स्टेडियम प्रबंधन की देखरेख वाले भवन में संचालित चेंबर के कार्यालय को खाली कराने की मांग प्रशासन से कर दी है। पत्र-पत्रिकाओं और कह्बरिया चैनलों कोडी वयान में भूतपूर्व चेंबर अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने अब तक चेंबर के लिए जमीन की खरीदगी नहीं हो पाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चेंबर पूर्ण रूप से एक व्यापारिक संस्था है एवं चेम्बर के द्वारा व्यापारियों के हित के लिए काम किया जाता है। चेंबर के सदस्यों से वार्षिक शुल्क लिया जाता है। चेंबर के कई सदस्य करोड़पति व लखपतिभी हैं। ऐसे में आज तक इस जिला में चेंबर का अपना भवन नहीं होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स के भूतपूर्व चेंबर अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने कहा कि सरकारी संपत्ति का उपयोग सामाजिक हित के लिए किया जा सकता है चाहे उसके लिए किराया देने का ही प्रावधान क्यों न हो। लेकिन व्यापारियों की एक मजबूत संस्था को काफी कम किराया पर सरकारी भवन देना ठीक नहीं है। उधर कुछ और व्यवसायियों ने कहा कि जब तक चेंबर का कार्यालय प्रशासन वापस नहीं लेती चेंबर के भवन निर्माण के लिए जमीन खरीद के कार्य में चेंबर के अधिकारी कोई रुचि नहीं लेंगे। प्रशासन को अविलंब चेंबर ऑफ कॉमर्स को उपयोग के लिए दिया भवन वापस लेकर उसके समाजिक कार्य करने वाले संस्था को आवंटित कर देना चाहिए। जिले के एक अन्य समाजसेवी और गुमला नगरपालिका के भूतपूर्व वार्ड आयुक्त राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने इस मामले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जिस सरकारी भवन में चेंबर का भवन संचालित होता है उस भवन का निर्माण खिलाड़ियों के ड्रेसिंग कक्ष के रूप में हुआ था, लेकिन प्रशासन द्वारा खिलाड़ियों की उपेक्षा करते हुए कुछ किराया वसूल करने के लिए एक व्यवसायिक संस्था चेंबर को कार्यालय के रूप मेंउपयोग करने के लिए दे दिया गया है। चेंबर के अन्य सदस्यों ने भी चेंबर के अपने भवन के लिए जमीन की खरीद किए जाने एवं जल्द से जल्द सरकारी भवन में संचालित कार्यालय को हटाने की मांग की है।उधर इस मामले पर गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान चेंबर अध्यक्ष मो. शब्बु का कहना है कि निश्चित रूप से चेंबर एक व्यवसायिक संगठन है, परन्तु जिस भवन में चेंबर का कार्यालय संचालित है उस भवन के उपयोग के एवज में प्रशासन को किराया दिया जाता है एवं कार्यालय का उद्घाटन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि चेंबर के भवन के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। कुछ लोग बेवजह इसे मुद्दा बनाकर तूल देते रहते हैं।
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