जनप्रतिनिधियों की दो मार्च से चल रही अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन को बुधवार की शाम सात बजे लगा विराम
गुमला l गुमला जिले के पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख श्रीमती बिश्वासी लकड़ा के साथ प्रोटोकोल का उल्लंघन कर प्रखण्ड परिसर में आयोजित धोती-साड़ी वितरण कार्यक्रम में स्थान नहीं देने व प्रोटोकोल के अन्तर्गत प्रखण्ड प्रमुख की निर्धारित कुर्सी पर स्वयं बैठ जाने और बाद में उसी दिन कार्यालय कक्ष में आकर महिला प्रमुख से जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली- गलौज और अपमानित किये जाने और विभिन्न आरोपों के आरोपी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार और घूसखोरी और अपने अनियमितता पूर्ण कार्यों के लिए कुख्यात प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार को अन्तिम मार्च तक प्रखण्ड में और अनियमित कार्यों , घूसखोरी की करने की संदेह के मद्देनजर अनुमंडल पदाधिकारी बसिया अनिल तिर्की के द्वारा अप्रैल में स्थानान्तरित कर दिए जाने की लिखित मात्र आश्वासन दिए जाने और विवादित घूसखोर मनरेगा के बीपीओ विनय कुमार गुप्ता का उपायुक्त के द्वारा बर्खास्त नहीं कर डुमरी प्रखण्ड के स्थानान्तरण किए जाने के बाद पालकोट प्रखण्ड से डुमरी प्रखण्ड के लिए विरमित कर दिए जाने के पश्चात पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों का दो मार्च से चल रही अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन को बुधवार की शाम सात बजे विराम लग गयाl उल्लेखनीय है कि गुमला जिले के पालकोट प्रखण्ड प्रमुख श्रीमती विश्वासी लकड़ा के साथ गत सोलह जनवरी 2015 को पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में धोती-साड़ी वितरण कार्यक्रम में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार और महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना अर्थात मनरेगा के अन्तर्गत अनुबंध पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विनय कुमार गुप्ता के द्वारा प्रोटोकोल का उल्लंघन कर अपमानित करने और पुनः उसी दिन कार्यालय कक्ष में आकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज और अपमानित किये जाने का बहुचर्चित मामला और मनरेगा के बीपीओ विनय कुमार गुप्ता एवं प्रखण्ड कार्यालय के घूसखोर नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार के शह व संरक्षण पर सरकारी विकास योजनाओं में सरकारी राशि की बन्दरबांट,दुरुपयोग और घूसखोरी किये जाने के मामले ने अब विस्फोटक स्वरुप अख्तियार कर लिया है l प्राप्त जानकारी के अनुसार इसं सम्बन्ध में उपायुक्त गुमला , पुलिस अधीक्षक गुमला और अन्य वरीय पदाधिकारियों को बार - बार लिखित शिकायत करने के बावजूद कोई कारर्वाई नहीं होने के कारण पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों ने बाध्य होकर प्रखण्ड क्षेत्र की जनता के साथ प्रखण्ड के सर्वांगीण विकास हेतु गत दो मार्च से पूर्वघोषित शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में बैठ गये थे l बतलाया गया था कि पालकोट प्रखण्ड जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र के ग्रामीण जनता के साथ दो मर्च से शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का यह कार्यक्रम पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में उनकी चार सूत्री मांगों के पूर्ति होने तक लगातार जारी रहेगा l इस सम्बन्ध में पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में ही संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र उपायुक्त , गुमला और जिला तथा राज्य के अन्यान्य वरीय अधिकारियों को देकर पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में दो मार्च से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के सम्बन्ध में सुचना देकर आवश्यक कारर्वाई करने की माँग की थी l धरना प्रदर्शन कारी महिला- पुरुष दो मार्च की सुबह दस बजे से लेकर उस रात भी धरना स्थल पर ही बैठे रहे , परन्तु हाय रे निर्दयी जिले की पुलिस प्रशासन वहाँ देखने तक नहीं आई कि धरनाधारी – प्रदर्शनकारी किस हाल में हैं ? दूसरे दिन भी उनका धरना –प्रदर्शन , सभा बद्द्स्तूर जारी रहा l एक आदिवासी अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भी एक आदिवासी महिला के अपमान की घटना को लेकर की जा रही आंदोलनात्मक कार्यक्रम में ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने की अनुमति नहीं दी जाने कारण आंदोलनकारी बिना लाऊड स्पीकर के ही भाषण बाजी करते रहे और भूखे-प्यासे डटे रहे l बताया जा रहा है कि इस मामले में प्रमंडल और राज्य स्तर से हस्तक्षेप किए जाने के बाद उपायुक्त ने क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी अनिल तिर्की को प्रारम्भिक स्तर की बात करने के लिए धरना स्थल पर भेजा l उनका विचार था कि आन्दोलन कारियों का रूख भांपकर बाद में एक समिति गठित कर आन्दोलन कारियों से वार्ता के लिये भेजा जाएगा , परन्तु आनुमंडल पदाधिकारी की सूझ-बूझ के कारण प्रथम दौर में वार्ता सफल रही और बीपीओ का स्थानान्तरण और विरमन और बीडीओ और नाजीर का आगामी अप्रैल माह में निश्चित रूप से स्थानान्तरण कर दी जाने की मात्र लिखित आश्वासन देने के बाद ही जनप्रतिनिधियों का अनिश्चित कालीन धरना – कार्यक्रम का आन्दोलन समाप्त हो गया l जनप्रतिधियों ने कहा कि अगर बीडीओ और घूसखोर नाजीर का अप्रैल माह में स्थानान्तरण नहीं किया जाता और बीपीओ को यहाँ पुनः भेजा जाता है तो इस बार सीधे ओर – छोर की लड़ाई होगी l बाते जा रहा है कि इस मामले में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा अब बेवजह कुछ सरकारी सेवकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और अपनी गलती को दूसरों के सिर में मढने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु कर्मचारियों ने कहा कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की इस प्रकार की कार्य-प्रणाली को वरीय अधिकारियों एवं सरकार के स्तर पर ले जाया जाएगा l
गुमला l गुमला जिले के पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख श्रीमती बिश्वासी लकड़ा के साथ प्रोटोकोल का उल्लंघन कर प्रखण्ड परिसर में आयोजित धोती-साड़ी वितरण कार्यक्रम में स्थान नहीं देने व प्रोटोकोल के अन्तर्गत प्रखण्ड प्रमुख की निर्धारित कुर्सी पर स्वयं बैठ जाने और बाद में उसी दिन कार्यालय कक्ष में आकर महिला प्रमुख से जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली- गलौज और अपमानित किये जाने और विभिन्न आरोपों के आरोपी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार और घूसखोरी और अपने अनियमितता पूर्ण कार्यों के लिए कुख्यात प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार को अन्तिम मार्च तक प्रखण्ड में और अनियमित कार्यों , घूसखोरी की करने की संदेह के मद्देनजर अनुमंडल पदाधिकारी बसिया अनिल तिर्की के द्वारा अप्रैल में स्थानान्तरित कर दिए जाने की लिखित मात्र आश्वासन दिए जाने और विवादित घूसखोर मनरेगा के बीपीओ विनय कुमार गुप्ता का उपायुक्त के द्वारा बर्खास्त नहीं कर डुमरी प्रखण्ड के स्थानान्तरण किए जाने के बाद पालकोट प्रखण्ड से डुमरी प्रखण्ड के लिए विरमित कर दिए जाने के पश्चात पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों का दो मार्च से चल रही अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन को बुधवार की शाम सात बजे विराम लग गयाl उल्लेखनीय है कि गुमला जिले के पालकोट प्रखण्ड प्रमुख श्रीमती विश्वासी लकड़ा के साथ गत सोलह जनवरी 2015 को पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में धोती-साड़ी वितरण कार्यक्रम में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार और महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना अर्थात मनरेगा के अन्तर्गत अनुबंध पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विनय कुमार गुप्ता के द्वारा प्रोटोकोल का उल्लंघन कर अपमानित करने और पुनः उसी दिन कार्यालय कक्ष में आकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज और अपमानित किये जाने का बहुचर्चित मामला और मनरेगा के बीपीओ विनय कुमार गुप्ता एवं प्रखण्ड कार्यालय के घूसखोर नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार के शह व संरक्षण पर सरकारी विकास योजनाओं में सरकारी राशि की बन्दरबांट,दुरुपयोग और घूसखोरी किये जाने के मामले ने अब विस्फोटक स्वरुप अख्तियार कर लिया है l प्राप्त जानकारी के अनुसार इसं सम्बन्ध में उपायुक्त गुमला , पुलिस अधीक्षक गुमला और अन्य वरीय पदाधिकारियों को बार - बार लिखित शिकायत करने के बावजूद कोई कारर्वाई नहीं होने के कारण पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों ने बाध्य होकर प्रखण्ड क्षेत्र की जनता के साथ प्रखण्ड के सर्वांगीण विकास हेतु गत दो मार्च से पूर्वघोषित शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में बैठ गये थे l बतलाया गया था कि पालकोट प्रखण्ड जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र के ग्रामीण जनता के साथ दो मर्च से शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का यह कार्यक्रम पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में उनकी चार सूत्री मांगों के पूर्ति होने तक लगातार जारी रहेगा l इस सम्बन्ध में पालकोट प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में ही संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र उपायुक्त , गुमला और जिला तथा राज्य के अन्यान्य वरीय अधिकारियों को देकर पालकोट प्रखण्ड कार्यालय परिसर में दो मार्च से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के सम्बन्ध में सुचना देकर आवश्यक कारर्वाई करने की माँग की थी l धरना प्रदर्शन कारी महिला- पुरुष दो मार्च की सुबह दस बजे से लेकर उस रात भी धरना स्थल पर ही बैठे रहे , परन्तु हाय रे निर्दयी जिले की पुलिस प्रशासन वहाँ देखने तक नहीं आई कि धरनाधारी – प्रदर्शनकारी किस हाल में हैं ? दूसरे दिन भी उनका धरना –प्रदर्शन , सभा बद्द्स्तूर जारी रहा l एक आदिवासी अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भी एक आदिवासी महिला के अपमान की घटना को लेकर की जा रही आंदोलनात्मक कार्यक्रम में ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने की अनुमति नहीं दी जाने कारण आंदोलनकारी बिना लाऊड स्पीकर के ही भाषण बाजी करते रहे और भूखे-प्यासे डटे रहे l बताया जा रहा है कि इस मामले में प्रमंडल और राज्य स्तर से हस्तक्षेप किए जाने के बाद उपायुक्त ने क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी अनिल तिर्की को प्रारम्भिक स्तर की बात करने के लिए धरना स्थल पर भेजा l उनका विचार था कि आन्दोलन कारियों का रूख भांपकर बाद में एक समिति गठित कर आन्दोलन कारियों से वार्ता के लिये भेजा जाएगा , परन्तु आनुमंडल पदाधिकारी की सूझ-बूझ के कारण प्रथम दौर में वार्ता सफल रही और बीपीओ का स्थानान्तरण और विरमन और बीडीओ और नाजीर का आगामी अप्रैल माह में निश्चित रूप से स्थानान्तरण कर दी जाने की मात्र लिखित आश्वासन देने के बाद ही जनप्रतिनिधियों का अनिश्चित कालीन धरना – कार्यक्रम का आन्दोलन समाप्त हो गया l जनप्रतिधियों ने कहा कि अगर बीडीओ और घूसखोर नाजीर का अप्रैल माह में स्थानान्तरण नहीं किया जाता और बीपीओ को यहाँ पुनः भेजा जाता है तो इस बार सीधे ओर – छोर की लड़ाई होगी l बाते जा रहा है कि इस मामले में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा अब बेवजह कुछ सरकारी सेवकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और अपनी गलती को दूसरों के सिर में मढने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु कर्मचारियों ने कहा कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की इस प्रकार की कार्य-प्रणाली को वरीय अधिकारियों एवं सरकार के स्तर पर ले जाया जाएगा l
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