Sunday, 29 March 2015

गुमला शहर के विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण की विकराल होती समस्या गंभीर चिन्ता का विषय

गुमला शहर के विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण की विकराल होती समस्या गंभीर चिन्ता  का विषय

गुमला शहर के विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण की विकराल होती समस्या गंभीर चिन्ता  का विषय बनता जा रहा है। अतिक्रमण न सिर्फ गुमला वासियों और यहाँ कार्य के सिलसिले में बाहर से आने-जाने वाले लोगों के लिए असुविधा पैदा कर रहा है और गुमला शहर को कुरूप बना रहा है, बल्कि यह शहर में कानून व्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती पैदा कर रहा है। गुमला पुलिस का कहना है कि अतिक्रमण और सड़क किनारे अवैध कब्जे की समस्या शहर वासियों सहित काम के लिए आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशान कर रही है और वे इसे कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती मानते हैं। अतिक्रमण की यह समस्या यूँ तो पूरी गुमला के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है, लेकिन शहर के मुख्य पथ , सिसई रोड, जशपुर रोड , लोहरदगा रोड,थाना रोड,  पालकोट रोड और शहर की संभ्रांत इलाका डी एस पी रोड आदि क्षेत्रों के लोग इससे ज्यादा परेशान नजर आते हैं। रिहायशी इलाकों के साथ ही शहर के के प्रमुख बाजारों, सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण एक आम बात है। शहर की मुख्य पथ , टांगरा स्कूल बाजार, लूथरन स्कूल बाजार जैसे कई बाजारों , स्थानों में तो अतिक्रमण की यह स्थिति है कि इन बाजारों में वाहन ले जाना तो दूर खरीददारों को सड़क पर पैदल चलने के लिए भी ठीक से जगह नहीं मिलती।
निराशाजनक यह है कि अतिक्रमण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इसके खिलाफ काम करने वाली सरकारी एजेंसियां हाथ पर हाथ धरे बैठी नजर आती हैं। अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर ये एजेंसियां कभी-कभी जागती हैं और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है। नगर पंचायत द्वारा चलाए जाने वाले अतिक्रमण विरोधी अभियानों के दौरान ऐसा अक्सर देखा गया है कि अतिक्रमण हटाते ही लोग फिर से अतिक्रमण कर लेते हैं और इसकी निगरानी की कोई उचित व्यवस्था न होने से ऐसे अभियानों का कोई लाभ भी नहीं होता।शहर को खूबसूरत बनाने के लिए नगर पंचायत व अन्य संबंधित सरकारी एजेंसियों को अतिक्रमण को पूरी गंभीरता से लेते हुए उसे खत्म करने की व्यापक कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। अतिक्रमण की समस्या कई अन्य समस्याओं को जन्म देती है, ऐसे में अतिक्रमण करने वालों को दंडित भी किया जाना चाहिए ताकि उनमें डर पैदा हो और इस गंभीर समस्या का प्रभावी निदान हो सके। अतिक्रमण हटाने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह फिर से न होने पाए, इसके मद्देनजर निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।

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