Sunday, 8 February 2015

पालकोट प्रखण्ड के नाजीर निरंजन कुमार से व्यक्ति लाभ हेतु मनमाने ढंग से मनरेगा की राशि का एफटीओ करने के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण

पालकोट प्रखण्ड के नाजीर निरंजन कुमार से व्यक्ति लाभ हेतु मनमाने ढंग से मनरेगा की राशि का एफटीओ करने के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण 

महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत गुमला जिले में  मनरेगा कर्मियों द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य कर अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु सरकारी निधि की बन्दरबाँट की जा रही है ।सरकारी निधि की हेराफेरी की जा रही है । मनरेगा के कार्यों में अनियमितताओं के लिये जिले में कुख्यात पालकोट प्रखण्ड में मामला उजागर होने के बाद इस सम्बन्ध में उपायुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक का कार्यालय ,गुमला (मनरेगा कोषांग) के द्वारा ज्ञापांक - २८ / गो० दिनाँक -०४/ ०२/ २०१५ के माध्यम से पालकोट प्रखण्ड कार्यालय के नाजीर निरंजन कुमार को पत्र प्रेषित कर मनरेगा अन्तर्गत निर्देशों का अवहेलना कर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर अनधिकृत रूप से अपने पास रखकर अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु मनमाने ढंग से फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) जेनरेट करने के सम्बन्ध मे स्पष्टीकरण पूछते  हुए कहा गया है कि आप दो दिनों के अंदर स्पष्ट करें कि क्यों नहीं , प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर अनधिकृत रूप से अपने पास रखने एवं निर्देश की अवहेलना कर मनमाने ढंग से अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु योजनाओं का एफटीओ जेनरेट करने और सरकारी राशि का दुरूपयोग करने के आरोप में आपके विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाये तथा आपको निलंबित किया जाये ? उपलब्ध जानकारी के अनुसार मनरेगा कोषांग, गुमला के पत्रांक - ५० दिनाँक - ३ / ०१ / २०१५ के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीणरोजगार गारंटी योजनान्तर्गत संचालित योजनाओं में कृषि प्रक्षेत्र में ६० प्रतिशत से कम व्यय के कारण जिले के सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण निर्गत किया गया है ।इसके साथ ही पत्रांक - ६० दिनाँक- २७ / ०१ / २०१५ के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जब तक प्रखण्ड का कृषि में व्यय ६० प्रतिशत नहीं हो जाता है तब तक ग्रामीण पथों में व्यय नहीं किया जाएगा । मनरेगा कोषांग के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद दिनाँक ०४ / ०२ / २०१५ को एम आई एस में परिलक्षित हो रहे वित्तीय प्रतिवेदन की समीक्षा में पाया गया कि गुमला जिले के पालकोट प्रखण्ड के द्वारा ग्रामीण पथ में व्यय हेतु रोक लगाये जाने बावजूद निर्देश का खुल्लमखुला उल्लंघन कर दिनाँक - २३ / ०१ २०१५ से  दिनाँक - ०४ / ०२ /२०१५ के बीच १९.५२  लाख (उन्नीस लाख बावन हजार) व्यय किया गया है । अपने पदस्थापना काल विवादित रहे पालकोट के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार से जब इस सम्बन्ध में मनरेगा कोषांग के अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक , गुमला के द्वारा दूरभाष पर पृच्छा की गई तो उन्होंने बतलाया कि प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार  के द्वारा अनधिकृत रूप से उनका अर्थात पालकोट के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर प्रयोग किया जा रहा है जो एक गंभीर मामला है । पालकोट प्रखण्ड कार्यालय के नाजीर निरंजन कुमार को संबोधित और उप विकास आयुक्त सह अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक , गुमला के हस्ताक्षरयुक्त मनरेगा कोषांग के ज्ञापांक - २८ /गो० दिनाँक - ०४ / ०२ / २०१५ की प्रति जिले के उपायुक्त सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ ही सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को देते हुए नाजीर निरंजन कुमार से कहा गया है कि आप अपना स्पष्टीकरण प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के माध्यम से दो दिनों के अंदर उपलब्ध करना सुनिश्चित करें साथ ही यह निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के साथ प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर उन्हें हस्तगत करा दें । पत्र की प्रति पालकोट के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को सूचनार्थ देते हुए निर्देश दिया गया है कि नाजीर निरंजन कुमार से ससमय स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपने मंतव्य के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध करना सुनिश्चित करें । पत्र में ही सभी प्रविपदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि फर्स्ट और सेकण्ड सिग्नेचरी अपना डिजिटल सिग्नेचर अपने पास रखेंगे और उसका स्वयं उपयोग करेंगे ,किसी अन्य व्यक्ति व्यक्ति को नहीं देंगे अन्यथा किसी प्रकार की गडबड़ी के लिये वे स्वयं जिम्मेवार होंगे ।
उधर पालकोट के मनरेगा के कार्यों पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि सारी गडबड़ी प्रविपदा सतीश कुमार की जानकारी में हुई है , परन्तु मामला उल्टा पड़ जाने के कारण उन्होंने अपने को पाक साफ़ बतलाते हुए सारी जिम्मेवारी नाजीर निरंजन कुमार के ऊपर मढ़ दी । उधर कुछ लोगों का कहना है कि नाजीर सदैव ही मनमानी पूर्वक अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु सरकारी योजनाओं में कार्य करने के लिये कुख्यात है । विश्वस्त सूत्रों ने बतलाया कि भरनो प्रखण्ड में नाजीर निरंजन कुमार ने डोम्बा ग्राम के चार मृत व्यक्तियों के नाम पर इंदिरा आवास योजना स्वीकृत कराकर सारा पैसा विचौलिये के माध्यम से हड़प ली थी , जिस मामले में निरंजन कुमार निलंबित भी हो चुका है और मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है । जानकर सूत्रों का कहना है कि मामला को ले – देकर सलटाने का प्रयास शुरू हो चुका है और इस मामले को लेकर प्रविपदा और नाजीर उपविकास आयुक्त से मिल भी चुके हैं । अब देखना यह है कि पहले से ही जारी भ्रष्टाचार के लिये प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों के विरोध और लिखा – पढ़ी के मध्य प्रखण्ड में मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण योजना में उजागर इस अनियमितता और अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु सरकारी राशि के दुरुपयोग के इस मामले में जिला प्रशासन क्या रूख अपनाता है या फिर नाजीर को जनप्रतिनिधियों के छाती पर चढ मूंग डालने को खुला सांड की भान्ति छोड़ देता है ?

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