Thursday, 5 February 2015

करमटोली - बाँसडीह - परसा पथ की स्थिति जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानी

 करमटोली - बाँसडीह - परसा पथ की स्थिति जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानी
गुमला  :  गुमला जिला मुख्यालय से करमटोली - बाँसडीह - परसा पथ की स्थिति जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । यही स्थिति बाँसडीह-  शिकोई रायडीह पथ की भी है । बाँसडीह , परसा  क्षेत्र से नित्यप्रति गुमला जिला मुख्यालय आने वाले ग्रामीणों ने बताया कि सड़क जर्जर होने की वजह से ग्रामीणों को जिला व प्रखंड मुख्यालय तथा हाट बाजार जाने में काफी कठिनाई होती है।जानकारी के अनुसार लगभग दो दशक पूर्व गुमला से करमटोली - बाँसडीह - परसा पथ का कालीकरण  किया गया था। जिस समय इस सड़क का निर्माण हुआ था इलाके के लोगों में भरी खुशी थी, परन्तु जर्जर होने के बाद सडक का मरम्मत नहीं होने से सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं रह गया है। पथ की जर्जरावस्था से ग्रामीण सहित आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है । बीच सड़क पर बन आए बड़े-बड़े गढ्ड़े के कारण आम राहगीरों को आवागमन में काफी कठिनाई होती है।बाँसडीह-  शिकोई रायडीह पथ भी बनने के काल से फिर नहीं बन पाई है । परिणामस्वरूप इस पाठ पर चलने वाले राहगीरों और वाहन चालकों को मुसीबतों से दो - चार होना आम बात हो गई है । इन पथों पर आये दिन दुर्घटनाएं होती ही रहती हैं ।

रायडीह प्रखण्ड के बाँसडीह के माला साहु कहते हैं  पथ जर्जर हो जाने से राहगीरों को आवाजाही करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने से सड़क पर जहां-तहां बड़ा-बड़ा गढ्डा बन जाने से दो पहिया चारपहिया एवं साइकिल सवारी को भी आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है  लोगों को समझ में नही आ रहा है कि सड़क पर गढ्डे है अथवा गढ्डे में सड़क।परसा के सीता राम साहु कहते हैं ,गुमला जिला मुख्यालय से करमटोली - बाँसडीह - परसा पथ एवं  बाँसडीह-  शिकोई रायडीह पथ से प्रतिदिन हजारों लोग जिला अथवा प्रखण्ड मुख्यालय आना - जाना करते हैं । क्षेत्र में किसान और महिला मण्डल जागरूक हैं इसलिए क्षेत्र में खेतों , जल भण्डार और वन्य क्षेत्र से विविध फसलोपज व अन्य उत्पाद लिये जाते हैं , जिनके खपत के लिये बाजार की आवश्यकता की पूर्ति हेतु उत्पादकों को जिला , प्रखण्ड अथवा अन्यत्र आवागमन करना पड़ता है लेकिन पथ के जर्जर होने से आवागमन के साथ ही उत्पादित वस्तुओं के धुलाई में भी काफी कठिनाई होती है तथा समय पर बाजार तक नहीं पहुँचने के कारण ग्रामीणों को अक्सरहा ही क्षति पहुँचती रहती है । परसा के ही समीर टोप्पो कहते हैं , ये सड़कें वर्षों से क्षतिग्रस्त हैं लेकिन इनके पुनर्निर्माण की ओर सरकार - प्रशासन का ध्यान नहीं हैं और गत दिनों जिला मुख्यालय में करमटोली मोड़ से वन विभाग -आर ई ओ कोलोनी तक ही सड़क का निर्माण प्रशासन द्वारा किया गया जहाँ तक सरकारी अधिकारियों की वाहनें आती - जाती हैं और शेष भाग को छोड़ दिया गया जिसके कारण जिला मुख्यालय के करमटोली सहित बाँसडीह - परसा की ओर के वाशिंदों को अत्यन्त दुखद परिणामों से दो चार होना पड़ता है ।बीमारी , दुर्घटना अथवा प्रसव के समय महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । इस पाठ पर आवाजाही करने वाले गुमला , रायडीह , चैनपुर और डुमरी प्रखण्ड के ग्रामीणों ने इस निमित क्षेत्र के सांसद सुदर्शन भगत और विधायक शिवशंकर उराँव से सार्थक पहल की आशा करते हुए इस पथ की शीघ्र निर्माण किये जाने की माँग की है ।



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