राष्ट्रीय नवीन मेल का गुमला के सरकारी सेवकों का पोल खोल
दिनाँक - ०२ / ०१/२०१५
जनप्रतिनिधियों के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर भ्रष्ट सरकारी सेवकों से निजात दिलाने की माँग
गुमला : झारखण्ड प्रदेश के गुमला जिलान्तर्गत पालकोट प्रखण्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला है l इस सम्बन्ध में पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख बिश्वासी लकड़ा और अन्यान्य दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र झारखण्ड प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित कर सरकारी योजनाओं में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग की है lमुख्यमंत्री को प्रेषित उक्त पत्र की प्रतिलिपि जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष , झारखण्ड सरकार , राँची , मुख्य सचिव , झारखण सरकार , राँची ,झारखंड , सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय , झारखण्ड सरकार,सचिव , प्रशासनिक और कार्यक्रम मंत्रालय,झारखण्ड सरकार, निदेशक ,पंचायती राज्य मंत्रालय, झारखण्ड सरकार , उपायुक्त गुमला, उपविकास आयुक्त गुमला , जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी,गुमला ,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,गुमला को प्रेषित की है l मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को प्रेषित संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायती पत्र में पालकोट प्रखण्ड के मनरेगा के प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट के मिलीभगत से मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग की है l पालकोट प्रखण्ड के पंचायत जनप्रतिनिधियों ने पत्र में संयुक्त रूप से कहा है कि झारखण्ड प्रदेश के गुमला जिला के पालकोट प्रखण्ड में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत अनुबंध पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी , पालकोट विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड कार्यालय के नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड क्षेत्र में संचालित की जा रही विकास योजनाओं में व्यापक पैमाने पर रिश्वतखोरी , सरकारी निधि की बंदरबाँट और प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि और आम ग्रामीण जनता से आये दिन दुर्व्यवहार किया जा रहा है l प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी , पालकोट विनय कुमार गुप्ता के द्वारा प्रखण्ड क्षेत्र में संचालित की जा रही मनरेगा की योजनाओं में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है और सरकारी राशि की खुल्लेआम लूट - खसोट और बंदरबाँट की जा रही है l यह बंदरबाँट योजनाओं के चयन , योजनाओं को वार्षिक प्लान में शामिल करने , पञ्चायत समिति से पारित कराने , जिला ग्रामीण विकास अभिकरण और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से स्वीकृति दिलाने , योजना आरम्भ कराने , प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति दिलाने , कम्प्युटर में योजना का नाम चढाने , मापी पुस्त निर्गत करने , मस्टर रोल निर्गत करने के आवेदन पत्र में दस्तखत करने , मस्टर रोल निकलने के पश्चात योजना स्थल पर जाने के पूर्व उस पर दस्तखत करने, कार्य होने के बाद भुगतान के लिये जमा होने के पूर्व मस्टर रोल पर दस्तखत करने , मस्टर रूल व अभिश्रव भुगतान के लिये पारित होने के बाद एम आई एस एंट्री हेतु जाने के पूर्व जाँचा और सही पाया लिखने के लिये अलग - अलग बार एक तय राशि वसूल करने के पश्चात भुगतान के पूर्व अपने और प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के लिये भुगतान की जाने वाली राशि का १५ प्रतिशत जबरन खुल्लेआम वसूली किये जाने के पश्चात ही इलेक्ट्रोनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत पैसा स्थानांतरित करने के लिये प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के समक्ष भेजी जा रही है lप्रमुख और अन्य जनप्रतिनिधियों ने पत्र में आगे कहा है कि सिर्फ मनरेगा के कार्यों के निष्पादन के लिये बहाल किये गये प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा सरकारी निधि की लूट-खसोट की मंशा से अन्यान्य सरकारी योजनाओं मसलन, इंदिरा आवास योजना, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि ,तेरहवें वित्त आयोग से प्राप्त राशि की योजनाओं , पंचायत , अंचल व प्रखण्ड की विकास योजनाओं के लाभुक व योजना स्थल चयन , पर्यवेक्षण , प्रतिवेदन , सम्बंधित अन्यान्य कार्यों और बैठक आदि के कार्यों में लगा दिया जाता है l यही हाल प्रखण्ड के नाजीर निरंजन कुमार का भी है , निरंजन कुमार बिना पैसा का कोई कार्य नहीं करते और जो पैसा नहीं देता उसके कार्य को लटकाने में उन्हें सिद्धहस्त प्राप्त है l अगर प्रखण्ड के पंजियों , अभिलेखों और अन्य कागजातों की जाँच की जाये तो इसकी पुष्टि सहज हो जायेगी l पत्र में आगे कहा है कि अनुबंध कर्मियों और जन प्रतिनिधियों के वेतन , मानदेय व अन्य भुगतान और अन्यान्य सुविधा प्रदान करने के कार्य इन्हें चढावा चढ़ाये बगैर प्रखण्ड कार्यालय में होना सम्भव नहीं.इंदिरा आवास , मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं में होने वाली भुगतान में निरंजन कुमार अपना सात प्रतिशत हिस्सा बपौती मानते हैं l तयशुदा राशि लाभुक , मेठ और ग्रामीणों से लिये बगैर ये अपना कार्य कभी नहीं करते .कुछ कहने पर कहते हैं कि काम कराना है तो पैसा दो नहीं तो जहाँ जाना है जाओ ,मुझे किसी का भी डर नहीं निगरानी व शिकायत ब्यूरो या सी बी आई का भी नहीं , सब मेरे जेब में हैं l प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार के इन विकास और जनविरोधी कार्यों में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार का शह और प्रत्यक्ष संरक्षण प्राप्त हैl जिसके कारण इनका मन बढ़ा हुआ है और ये प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करने , गाली - गलौज करने से भी नहीं हिचकते और आये दिन लोगों से उलझते रहते हैं इनके इस प्रकार की अनैतिक , जनविरोधी रवैयों से प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण परेशान हैं और सरकारी विकास योजनाओं का समुचित लाभ वास्तविक योग्य लाभुकों व ग्रामीणों का नहीं मिल पा रहा है l लम्बे शिकायती पत्र में पालकोट के जनप्रतिनिधियों ने विअकास विरोधी भ्रष्ट कार्यों को उजागर करते हुए आरोपी सरकारी सेवकों का का स्थानान्तरण करते हुए प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता , प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार और प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार का शीघ्रातिशीघ्र स्थानान्तरण करते हुए उनके विकास और जन हित विरोधी कार्यों की न्यायिक जांच और तत्सम्बन्धी समुचित कारर्वाई करने की निवेदन की है l
उल्लेखनीय है कि पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख बिश्वासी लकड़ा ने एक अन्य पत्र गुमला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक तथा राज्य के अन्य उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत करते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और नियुक्ति काल से ही विवादित रहे बीपीओ के खिलाफ आदिवासी हरिजन उत्पीडन अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई का अनुरोध किया था , परन्तु इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कारर्वाई नहीं की गई है , जिसके कारण मामला विस्फोटक हॉट जा रहा है । इस मामले को ले – देकर सुलझाने के लिये प्रखण्ड के अधिकारियों के द्वारा २९ जनवरी को पंचायत समिति की बैठक में और ३० जनवरी को अपने विशेष दूतों को प्रमुख के पास भेजकर बहुत कोशिश की ,तत्पश्चात ३१ जनवरी को जिला परिषद की बैठक में परिषद सचिव और अपने खरीदे गये सदस्यों से प्रमुख पर दबाव बनाने की अनथक प्रयास की मगर प्रमुख अपने साथ हुई दुर्व्यवहार और अपमान को नहीं भूली और दोषियों को सजा दिलाने की हर सम्भव प्रयास में लगी हुई है । गौरतलब है कि पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा के साथ पालकोट के प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत ठेका पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विनय कुमार गुप्ता के द्वारा स्थानीय सिमडेगा विधायक की उपस्थिति में प्रखण्ड में आयोजित धोती- साड़ी वितरण कार्यक्रम में सोलह जनवरी को दुर्व्यवहार व अपमानित किये जाने के मामले में शिकायत के दो सप्ताह बाद तक उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से प्रखण्ड सहित जिले भर के जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त होता जा रहा है और यह कभी भी विस्फोटक स्थिति का रूप अख्तियार कर सकता है । पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा ने १८ जनवरी २०१५ को गुमला जिला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार व बीपीओ विनय कुमार गुप्ता पर उनके साथ दुर्व्यवहार व अपमानित करने का आरोप लगाया था । परन्तु महिला जनप्रतिनिधि के साथ सार्वजनिक तौर पर प्रविपदा और बीपीओ के द्वारा किये गये दुर्व्यवहार और अपमान के मामले में अभी तक कोई पहल प्रशासन के द्वारा नहीं की गई है अब देखना यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष , झारखण्ड सरकार , राँची , मुख्य सचिव , झारखण सरकार , राँची ,झारखंड , सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय , झारखण्ड सरकार,सचिव , प्रशासनिक और कार्यक्रम मंत्रालय,झारखण्ड सरकार, निदेशक ,पंचायती राज्य मंत्रालय, झारखण्ड सरकार , उपायुक्त गुमला, उपविकास आयुक्त गुमला , जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी,गुमला ,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,गुमला इत्यादि दर्जनों उच्चाधिकारियों को प्रेषित सरकारी योजनाओं में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग किये जाने के सम्बन्ध में अंततः क्या कारवाई होती है या फिर आरोपित जनप्रतिनिधियों के छाती पर चढ मूंग डालते हुए प्रखण्ड को लूटने में लगे रहते हैं क्योंकि आरोपी सरकारी सेवक खुल्लेआम कहते हैं हमें दो तब काम होगा अन्यथा जाओ जहाँ जाना है हमें किसी का डर नहीं । और यह सच है कि आरोपत बीपीओ , प्रखण्ड नाजीर और प्रविपदा अपने सहकर्मियों , मातहतों तक को रोज धमकाते ही रहते हैं और धमका कर पैसा वसूलना इनकी फितरत है , जो पैसा नहीं देते उनका वेतन भी वर्षों तक नहीं निकलता
दिनाँक - ०२ / ०१/२०१५
जनप्रतिनिधियों के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर भ्रष्ट सरकारी सेवकों से निजात दिलाने की माँग
गुमला : झारखण्ड प्रदेश के गुमला जिलान्तर्गत पालकोट प्रखण्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला है l इस सम्बन्ध में पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख बिश्वासी लकड़ा और अन्यान्य दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र झारखण्ड प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित कर सरकारी योजनाओं में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग की है lमुख्यमंत्री को प्रेषित उक्त पत्र की प्रतिलिपि जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष , झारखण्ड सरकार , राँची , मुख्य सचिव , झारखण सरकार , राँची ,झारखंड , सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय , झारखण्ड सरकार,सचिव , प्रशासनिक और कार्यक्रम मंत्रालय,झारखण्ड सरकार, निदेशक ,पंचायती राज्य मंत्रालय, झारखण्ड सरकार , उपायुक्त गुमला, उपविकास आयुक्त गुमला , जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी,गुमला ,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,गुमला को प्रेषित की है l मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को प्रेषित संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायती पत्र में पालकोट प्रखण्ड के मनरेगा के प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट के मिलीभगत से मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग की है l पालकोट प्रखण्ड के पंचायत जनप्रतिनिधियों ने पत्र में संयुक्त रूप से कहा है कि झारखण्ड प्रदेश के गुमला जिला के पालकोट प्रखण्ड में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत अनुबंध पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी , पालकोट विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड कार्यालय के नाजीर निरंजन कुमार के द्वारा प्रखण्ड क्षेत्र में संचालित की जा रही विकास योजनाओं में व्यापक पैमाने पर रिश्वतखोरी , सरकारी निधि की बंदरबाँट और प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि और आम ग्रामीण जनता से आये दिन दुर्व्यवहार किया जा रहा है l प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी , पालकोट विनय कुमार गुप्ता के द्वारा प्रखण्ड क्षेत्र में संचालित की जा रही मनरेगा की योजनाओं में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है और सरकारी राशि की खुल्लेआम लूट - खसोट और बंदरबाँट की जा रही है l यह बंदरबाँट योजनाओं के चयन , योजनाओं को वार्षिक प्लान में शामिल करने , पञ्चायत समिति से पारित कराने , जिला ग्रामीण विकास अभिकरण और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से स्वीकृति दिलाने , योजना आरम्भ कराने , प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति दिलाने , कम्प्युटर में योजना का नाम चढाने , मापी पुस्त निर्गत करने , मस्टर रोल निर्गत करने के आवेदन पत्र में दस्तखत करने , मस्टर रोल निकलने के पश्चात योजना स्थल पर जाने के पूर्व उस पर दस्तखत करने, कार्य होने के बाद भुगतान के लिये जमा होने के पूर्व मस्टर रोल पर दस्तखत करने , मस्टर रूल व अभिश्रव भुगतान के लिये पारित होने के बाद एम आई एस एंट्री हेतु जाने के पूर्व जाँचा और सही पाया लिखने के लिये अलग - अलग बार एक तय राशि वसूल करने के पश्चात भुगतान के पूर्व अपने और प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के लिये भुगतान की जाने वाली राशि का १५ प्रतिशत जबरन खुल्लेआम वसूली किये जाने के पश्चात ही इलेक्ट्रोनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत पैसा स्थानांतरित करने के लिये प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के समक्ष भेजी जा रही है lप्रमुख और अन्य जनप्रतिनिधियों ने पत्र में आगे कहा है कि सिर्फ मनरेगा के कार्यों के निष्पादन के लिये बहाल किये गये प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा सरकारी निधि की लूट-खसोट की मंशा से अन्यान्य सरकारी योजनाओं मसलन, इंदिरा आवास योजना, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि ,तेरहवें वित्त आयोग से प्राप्त राशि की योजनाओं , पंचायत , अंचल व प्रखण्ड की विकास योजनाओं के लाभुक व योजना स्थल चयन , पर्यवेक्षण , प्रतिवेदन , सम्बंधित अन्यान्य कार्यों और बैठक आदि के कार्यों में लगा दिया जाता है l यही हाल प्रखण्ड के नाजीर निरंजन कुमार का भी है , निरंजन कुमार बिना पैसा का कोई कार्य नहीं करते और जो पैसा नहीं देता उसके कार्य को लटकाने में उन्हें सिद्धहस्त प्राप्त है l अगर प्रखण्ड के पंजियों , अभिलेखों और अन्य कागजातों की जाँच की जाये तो इसकी पुष्टि सहज हो जायेगी l पत्र में आगे कहा है कि अनुबंध कर्मियों और जन प्रतिनिधियों के वेतन , मानदेय व अन्य भुगतान और अन्यान्य सुविधा प्रदान करने के कार्य इन्हें चढावा चढ़ाये बगैर प्रखण्ड कार्यालय में होना सम्भव नहीं.इंदिरा आवास , मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं में होने वाली भुगतान में निरंजन कुमार अपना सात प्रतिशत हिस्सा बपौती मानते हैं l तयशुदा राशि लाभुक , मेठ और ग्रामीणों से लिये बगैर ये अपना कार्य कभी नहीं करते .कुछ कहने पर कहते हैं कि काम कराना है तो पैसा दो नहीं तो जहाँ जाना है जाओ ,मुझे किसी का भी डर नहीं निगरानी व शिकायत ब्यूरो या सी बी आई का भी नहीं , सब मेरे जेब में हैं l प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार के इन विकास और जनविरोधी कार्यों में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , पालकोट सतीश कुमार का शह और प्रत्यक्ष संरक्षण प्राप्त हैl जिसके कारण इनका मन बढ़ा हुआ है और ये प्रखण्ड के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करने , गाली - गलौज करने से भी नहीं हिचकते और आये दिन लोगों से उलझते रहते हैं इनके इस प्रकार की अनैतिक , जनविरोधी रवैयों से प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण परेशान हैं और सरकारी विकास योजनाओं का समुचित लाभ वास्तविक योग्य लाभुकों व ग्रामीणों का नहीं मिल पा रहा है l लम्बे शिकायती पत्र में पालकोट के जनप्रतिनिधियों ने विअकास विरोधी भ्रष्ट कार्यों को उजागर करते हुए आरोपी सरकारी सेवकों का का स्थानान्तरण करते हुए प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता , प्रखण्ड नाजीर निरंजन कुमार और प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार का शीघ्रातिशीघ्र स्थानान्तरण करते हुए उनके विकास और जन हित विरोधी कार्यों की न्यायिक जांच और तत्सम्बन्धी समुचित कारर्वाई करने की निवेदन की है l
उल्लेखनीय है कि पालकोट प्रखण्ड की प्रमुख बिश्वासी लकड़ा ने एक अन्य पत्र गुमला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक तथा राज्य के अन्य उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत करते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और नियुक्ति काल से ही विवादित रहे बीपीओ के खिलाफ आदिवासी हरिजन उत्पीडन अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई का अनुरोध किया था , परन्तु इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कारर्वाई नहीं की गई है , जिसके कारण मामला विस्फोटक हॉट जा रहा है । इस मामले को ले – देकर सुलझाने के लिये प्रखण्ड के अधिकारियों के द्वारा २९ जनवरी को पंचायत समिति की बैठक में और ३० जनवरी को अपने विशेष दूतों को प्रमुख के पास भेजकर बहुत कोशिश की ,तत्पश्चात ३१ जनवरी को जिला परिषद की बैठक में परिषद सचिव और अपने खरीदे गये सदस्यों से प्रमुख पर दबाव बनाने की अनथक प्रयास की मगर प्रमुख अपने साथ हुई दुर्व्यवहार और अपमान को नहीं भूली और दोषियों को सजा दिलाने की हर सम्भव प्रयास में लगी हुई है । गौरतलब है कि पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा के साथ पालकोट के प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत ठेका पर बहाल प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विनय कुमार गुप्ता के द्वारा स्थानीय सिमडेगा विधायक की उपस्थिति में प्रखण्ड में आयोजित धोती- साड़ी वितरण कार्यक्रम में सोलह जनवरी को दुर्व्यवहार व अपमानित किये जाने के मामले में शिकायत के दो सप्ताह बाद तक उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से प्रखण्ड सहित जिले भर के जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त होता जा रहा है और यह कभी भी विस्फोटक स्थिति का रूप अख्तियार कर सकता है । पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा ने १८ जनवरी २०१५ को गुमला जिला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार व बीपीओ विनय कुमार गुप्ता पर उनके साथ दुर्व्यवहार व अपमानित करने का आरोप लगाया था । परन्तु महिला जनप्रतिनिधि के साथ सार्वजनिक तौर पर प्रविपदा और बीपीओ के द्वारा किये गये दुर्व्यवहार और अपमान के मामले में अभी तक कोई पहल प्रशासन के द्वारा नहीं की गई है अब देखना यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष , झारखण्ड सरकार , राँची , मुख्य सचिव , झारखण सरकार , राँची ,झारखंड , सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय , झारखण्ड सरकार,सचिव , प्रशासनिक और कार्यक्रम मंत्रालय,झारखण्ड सरकार, निदेशक ,पंचायती राज्य मंत्रालय, झारखण्ड सरकार , उपायुक्त गुमला, उपविकास आयुक्त गुमला , जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी,गुमला ,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,गुमला इत्यादि दर्जनों उच्चाधिकारियों को प्रेषित सरकारी योजनाओं में अनियमितता बरतने और सरकारी निधि की लूट - खसोट और बंदरबाँट किये जाने से निजात दिलाने की माँग किये जाने के सम्बन्ध में अंततः क्या कारवाई होती है या फिर आरोपित जनप्रतिनिधियों के छाती पर चढ मूंग डालते हुए प्रखण्ड को लूटने में लगे रहते हैं क्योंकि आरोपी सरकारी सेवक खुल्लेआम कहते हैं हमें दो तब काम होगा अन्यथा जाओ जहाँ जाना है हमें किसी का डर नहीं । और यह सच है कि आरोपत बीपीओ , प्रखण्ड नाजीर और प्रविपदा अपने सहकर्मियों , मातहतों तक को रोज धमकाते ही रहते हैं और धमका कर पैसा वसूलना इनकी फितरत है , जो पैसा नहीं देते उनका वेतन भी वर्षों तक नहीं निकलता

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