गुमला जिले में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ समारोहपूर्वक मना महाशिवरात्रि का पर्व
गुमला । गुमला जिले में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ समारोहपूर्वक महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है , जो अनवरत शिवपूजा व शिव चर्चा के साथ कल तक चलेगा । शिवभक्तों ने सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्थानीय जल स्रोतों में डुबकी लगाई और जल लेकर स्थानीय शिवमन्दिर पहुंचे और पंक्ति में लगकर आदि महादेव शिव को जलार्पण कर बेल, धतूरा और दूध अर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन पवित्र जल सरोवरों में स्नान करके भगवान शिव की पूजा करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।महाशिवरात्रि पर्व पर सुबह-सबेरे से ही गुमला जिले के शिवमंदिरों , शिवालयों में जलाभिषेक के साथ पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं के बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पहुंचना शुरू हो गया। जिले के प्रायः सभी शिवालयों में शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए भक्त सुबह के चार बजे से दूध, जल, बिल्वपत्र और बेर शिव को अर्पण करने के लिए पहुँचने शुरू हो गए। जिला मुख्यालय स्थित करमटोली के बुध महादेव शिवमन्दिर , सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर, नागफेनी के दक्षिणी कोयल नदी तट पर स्थित अष्टकमलनाथ सती महादेव,डोइसानगर शिवमंदिर, भरनो के ब्लोकेश्वर शिवमन्दिर, पालकोट के पम्पापुर पहाड़ी व देवगांव स्थित शिवमन्दिर ,डुमरी के प्रसिद्ध शिवधाम टांगीनाथ , घाघरा के देवाकी, बिशुनपुर के कोईलेश्वर महादेव सहित जिले के प्रायः सभी छोटे-बड़े शिवमन्दिरों को महाशिवरात्रि के अवसर पर सजाया गया है। जिले के अनेक शिव मंदिर में दर्शन करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों शिव भक्त दर्शन के लिए कतार में लग गए थे। जिले के सभी प्रखण्डों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया और शिवालयों में शिवभक्तों के द्वारा लाए गए जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया। भगवान शिव को उनके प्रिय भंगोटे का भोग लगाया गया।श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर जुलूस भी निकाले। उधर मुरगु के बाबा चरणनाथ महादेव शिवमन्दिर में दो दिनी शिव पूजन सह उत्सव का आयोजन किया गया है , जिसमें महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व १६ फरवरी दिन मंगलवार को दक्षिणी कोयल नदी के नागफेनी तट की राजाधारा से एक सौ आठ महिलाओं ने कलश में जल लेकर तीन किलोमीटर की दूरी कलश यात्रा के रूप में तय कर चरणनाथ शिवमन्दिर में पूजा - अर्चा व जलाभिषेक हेतु समारोहपूर्वक जल लेकर आई।इस कलश यात्रा में स्थानीय विधायक और झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उराँव विशेष रूप से उपस्थित थे ।
सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर, नागफेनी के दक्षिणी कोयल नदी तट पर स्थित अष्टकमलनाथ सती महादेव,डोइसानगर शिवमंदिर, पालकोट के पम्पापुर पहाड़ी व देवगांव स्थित शिवमन्दिर ,डुमरी के प्रसिद्ध शिवधाम टांगीनाथ आदि प्राचीन शिवमन्दिर होने के कारण इन स्थलों पर महा शिवरात्रि के अवसर पर दर्शन करने वालों का सिलसिला देर शाम तक रहता है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए शिवालयों में पुख्ता इंतजाम किए हैं।सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर में मन्दिर के सेवक जनक गिरी के साथ शिवपूजन में लीन आचार्य बिनोदानन्द पाठक ने अत्यन्त व्यस्त समय में से समय निकलकर बतलाया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार को उच्च शिगत गुरू शुक्र के मंगलकारी योग में महाकल्याणकारी होने के कारण चार प्रहर की पूजा श्रेष्ठ फलदायी होने के कारण मंदिरों में आस्था का सैलाव उमडा हुआ है। मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक और जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा हुआ है। बाबा चरणनाथ शिवमन्दिर सहित बड़का पोखरा के तट पट स्थित शिवालय में पूजा अर्चना के लिए क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से हजारों लोग पहुंचे और यहाँ सुबह से भोलेनाथ को रिझाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जिले से सभी क्षेत्रो से मिल रही सुचना के अनुसार शिवमन्दिरों , शिवालयों और अन्यान्य शिव से सम्बंधित देवस्थलों में श्रद्धालु भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना का दौर सुबह से शुरू हो गया था। इस पवन अवसर पर कई स्थानों पर प्रतीक स्वरुप शिव - पार्वती के जुलुस निकाले जाने भी सुचना है। जिले के मुरगु के चरणनाथ , , टांगीनाथ, , करमटोली , पालकोट, देवगांव, देवाकी के साथ ही कई स्थलों पर स्थित शिवमंदिरों में शिव से सम्बंधित कई प्रकार के आयोजनों के साथ ही चौबीस व छतीस घंटें का अखण्ड हरिकीर्त्तन आदि भी आयोजन किये गये हैं । इन स्थलों पर मेले का सा दृश्य उत्पन्न हो गया है जहाँ भान्ति-भान्ति के वस्तुओं की खरीद-बिक्री हो रही है ।श्रद्धालुओं ने बेर , बूटझंगरी, स्थानीय मिठाइयां और शकरकंदी की भी खरीदारी की।
गुमला । गुमला जिले में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ समारोहपूर्वक महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है , जो अनवरत शिवपूजा व शिव चर्चा के साथ कल तक चलेगा । शिवभक्तों ने सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्थानीय जल स्रोतों में डुबकी लगाई और जल लेकर स्थानीय शिवमन्दिर पहुंचे और पंक्ति में लगकर आदि महादेव शिव को जलार्पण कर बेल, धतूरा और दूध अर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन पवित्र जल सरोवरों में स्नान करके भगवान शिव की पूजा करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।महाशिवरात्रि पर्व पर सुबह-सबेरे से ही गुमला जिले के शिवमंदिरों , शिवालयों में जलाभिषेक के साथ पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं के बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पहुंचना शुरू हो गया। जिले के प्रायः सभी शिवालयों में शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए भक्त सुबह के चार बजे से दूध, जल, बिल्वपत्र और बेर शिव को अर्पण करने के लिए पहुँचने शुरू हो गए। जिला मुख्यालय स्थित करमटोली के बुध महादेव शिवमन्दिर , सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर, नागफेनी के दक्षिणी कोयल नदी तट पर स्थित अष्टकमलनाथ सती महादेव,डोइसानगर शिवमंदिर, भरनो के ब्लोकेश्वर शिवमन्दिर, पालकोट के पम्पापुर पहाड़ी व देवगांव स्थित शिवमन्दिर ,डुमरी के प्रसिद्ध शिवधाम टांगीनाथ , घाघरा के देवाकी, बिशुनपुर के कोईलेश्वर महादेव सहित जिले के प्रायः सभी छोटे-बड़े शिवमन्दिरों को महाशिवरात्रि के अवसर पर सजाया गया है। जिले के अनेक शिव मंदिर में दर्शन करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों शिव भक्त दर्शन के लिए कतार में लग गए थे। जिले के सभी प्रखण्डों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया और शिवालयों में शिवभक्तों के द्वारा लाए गए जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया। भगवान शिव को उनके प्रिय भंगोटे का भोग लगाया गया।श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर जुलूस भी निकाले। उधर मुरगु के बाबा चरणनाथ महादेव शिवमन्दिर में दो दिनी शिव पूजन सह उत्सव का आयोजन किया गया है , जिसमें महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व १६ फरवरी दिन मंगलवार को दक्षिणी कोयल नदी के नागफेनी तट की राजाधारा से एक सौ आठ महिलाओं ने कलश में जल लेकर तीन किलोमीटर की दूरी कलश यात्रा के रूप में तय कर चरणनाथ शिवमन्दिर में पूजा - अर्चा व जलाभिषेक हेतु समारोहपूर्वक जल लेकर आई।इस कलश यात्रा में स्थानीय विधायक और झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उराँव विशेष रूप से उपस्थित थे ।
सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर, नागफेनी के दक्षिणी कोयल नदी तट पर स्थित अष्टकमलनाथ सती महादेव,डोइसानगर शिवमंदिर, पालकोट के पम्पापुर पहाड़ी व देवगांव स्थित शिवमन्दिर ,डुमरी के प्रसिद्ध शिवधाम टांगीनाथ आदि प्राचीन शिवमन्दिर होने के कारण इन स्थलों पर महा शिवरात्रि के अवसर पर दर्शन करने वालों का सिलसिला देर शाम तक रहता है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए शिवालयों में पुख्ता इंतजाम किए हैं।सिसई प्रखण्ड के मुरगु ग्राम अवस्थित बाबा चरणनाथ (चरैयाँनाथ) शिवमन्दिर में मन्दिर के सेवक जनक गिरी के साथ शिवपूजन में लीन आचार्य बिनोदानन्द पाठक ने अत्यन्त व्यस्त समय में से समय निकलकर बतलाया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार को उच्च शिगत गुरू शुक्र के मंगलकारी योग में महाकल्याणकारी होने के कारण चार प्रहर की पूजा श्रेष्ठ फलदायी होने के कारण मंदिरों में आस्था का सैलाव उमडा हुआ है। मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक और जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा हुआ है। बाबा चरणनाथ शिवमन्दिर सहित बड़का पोखरा के तट पट स्थित शिवालय में पूजा अर्चना के लिए क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से हजारों लोग पहुंचे और यहाँ सुबह से भोलेनाथ को रिझाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जिले से सभी क्षेत्रो से मिल रही सुचना के अनुसार शिवमन्दिरों , शिवालयों और अन्यान्य शिव से सम्बंधित देवस्थलों में श्रद्धालु भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना का दौर सुबह से शुरू हो गया था। इस पवन अवसर पर कई स्थानों पर प्रतीक स्वरुप शिव - पार्वती के जुलुस निकाले जाने भी सुचना है। जिले के मुरगु के चरणनाथ , , टांगीनाथ, , करमटोली , पालकोट, देवगांव, देवाकी के साथ ही कई स्थलों पर स्थित शिवमंदिरों में शिव से सम्बंधित कई प्रकार के आयोजनों के साथ ही चौबीस व छतीस घंटें का अखण्ड हरिकीर्त्तन आदि भी आयोजन किये गये हैं । इन स्थलों पर मेले का सा दृश्य उत्पन्न हो गया है जहाँ भान्ति-भान्ति के वस्तुओं की खरीद-बिक्री हो रही है ।श्रद्धालुओं ने बेर , बूटझंगरी, स्थानीय मिठाइयां और शकरकंदी की भी खरीदारी की।
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