Sunday, 1 February 2015

विस्फोटक होता जा रहा है महिला प्रमुख से बीडीओ व बीपीओ के द्वारा दुर्व्यवहार व अपमानित करने का मामला

राष्ट्रीय नवीन मेल प्रकाशित रणधीर निधि का गुमला के प्रशासनिक अधिकारियों का पोल खोल



गुमला में विस्फोटक होता जा रहा है महिला प्रमुख से बीडीओ व बीपीओ के द्वारा दुर्व्यवहार व अपमानित करने का मामला

गुमला : पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा के साथ पालकोट के प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत ठेका पर बहाल  प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विनय कुमार गुप्ता के द्वारा दु‌र्व्यवहार व अपमानित किये जाने के मामले में शिकायत के दो सप्ताह बाद तक उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से प्रखण्ड सहित जिले भर के जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त होता जा रहा है और यह कभी भी विस्फोटक स्थिति का रूप अख्तियार कर सकता है । पालकोट प्रखंड की प्रमुख विश्वासी लकड़ा ने १८ जनवरी २०१५ को गुमला जिला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश कुमार व बीपीओ विनय कुमार गुप्ता पर उनके साथ दु‌र्व्यवहार व अपमानित करने का आरोप लगाया था । प्रमुख ने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और नियुक्ति काल से ही विवादित रहे बीपीओ के खिलाफ आदिवासी हरिजन उत्पीडन अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई का अनुरोध किया था । प्रमुख ने शिकायत पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि १६ जनवरी शुक्रवार को प्रखंड परिसर में विधायक विमला प्रधान द्वारा धोती-साड़ी का वितरण कार्यक्रम होना था। कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया गया था एवं उनके लिए मुख्य मंच पर कुर्सी की व्यवस्था की गई थी। लेकिन उन्हें अपमानित करने की नियत से बीडीओ उनकी कुर्सी पर जा बैठे एवं बीपीओ विनय कुमार गुप्ता ने उन्हें पीछे बैठने के लिये कहा। पदाधिकारियों के व्यवहार से आहत हो कार्यक्रम के दौरान वे अपने कार्यालय कक्ष में चली गई। इसी दौरान प्रखण्ड विकास पदाद्शिकारी सतीश कुमार और बीपीओ विनय कुमार गुप्ता उनके कार्यालय कक्ष में आए और जातिसूचक शब्दों को प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। प्रमुख ने कहा है कि वे दोनों पदाधिकारियों के बर्ताव से खुद को अपमानित महसूस कर रही हैं।अतः दोषियों पर समुचित कारर्वाई की जाये ,  परन्तु प्रमुख के द्वारा कि गई शिकयत पर उपायुक्त अथवा पुलिस अधीक्षक के स्तर से अब तक कोई कारवाई नहीं किये जाने से प्रखण्ड के ग्रामीणों , जनप्रतिनिधियों में प्रशासन के प्रति आक्रोश बढता ही जा रहा है जो अब कभी विस्फोटक रूप ले सकती है । हालाँकि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और बीपीओ ने समाचार पत्रों को दिए वयानों में इस बात से साफ़ इनकार किया है , परन्तु वे प्रमुख को पटाने में साम , दाम , दण्ड और भेद ,सभी प्रकार की नीति अपना रहे हैं और धमकी के साथ विभिन्न प्रकार के लोगों से फोन अथवा मिलकर प्रमुख पर दबाव बनाने में लगे हुए हैं ।उल्लेखनीय है कि मनरेगा में ठेके पर बहाल बीपीओ विनय कुमार गुप्ता अपनी नियुक्ति के प्रार्क़म्भिक काल से ही विवादित रहे हैं और बीपीओ विनय कुमार गुप्ता पर ठेका में नियुक्ति हेतु इस्तेमाल की गई प्रशैक्षणिक (कम्प्युटर/अन्यान्य माँगी गई आवश्यक प्रमाण पत्र) व अनुभव प्रमाण पत्र जाली प्रमाण पत्र होने के साथ ही सभी प्रकार के कार्य में ग्रामीणों से पैसा वसूलने का आरोप लगता रहा है ।इसी प्रकार की कई मामले को लेकर विगत वर्ष भारतीय जनता पार्टी की पालकोट अंचल समिति ने बेमियादी भूख हड़ताल की थी । तब बेमियादी भूख हड़ताल के मामले को सलटाने के लिये जिले के उपायुक्त के द्वारा प्रतिनियुक्त किये गये अनुमंडल पदाधिकारी , गुमला ने हड़ताल स्थल पर आकर हड़तालियों से बीपीओ विनय कुमार गुप्ता और प्रखण्ड के एक अन्य घूसखोर सहायक कम नाजीर निरंजन कुमार को एक सप्ताह के अंदर समुचित कारर्वाई करते हुए स्थानांतरित किये जाने का लिखित आश्वासन देकर भूख हड़ताल को तुडवाया था , परन्तु हड़ताल और आश्वासन के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी विवादित बीपीओ विनय कुमार गुप्ता और नाजीर निरंजन कुमार पर कोई कारर्वाई नहीं हो सकी और अब वे जिला और प्रखण्ड के अधिकारीयोंकी शह और संरक्षण पर प्रखण्ड कार्यालय में जमकर लूट मचाये हुए हैं। अब देखना यह है कि प्रमुख के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पदाधिकारी सतीश कुमार , बीपीओ विनय कुमार गुप्ता आदि पर पुलिस प्रशासन के द्वारा कोई करवाई की जाती है अथवा जिला धिकारियों और स्वार्थी नेताओं के शह व संरक्षण पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी प्रमुख को मैनेज कर अपने तिकड़ी के साथ मिलकर मजे लूटते ही रहते हैं

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