Friday, 20 December 2019

कांग्रेस ने मैदान छोड़ा, दिनेश उरांव को कांटे की टक्कर दे रहे जिगा सुसारण होरो


कांग्रेस ने मैदान छोड़ा, दिनेश उरांव को कांटे की टक्कर दे रहे जिगा सुसारण होरो




गुमला । झारखंड की 81 विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख स्थान प्राप्त सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र गुमला जिले का हिस्सा होने के साथ ही यह क्षेत्र लोहरदगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल है। गुमला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर और राजधानी रांची से 72 किलोमीटर दूर अवस्थित सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र चतुर्दिक नदियों, पहाड़ियोंऔर जंगल से घिरा हुआ है। यहां केग्इामीण क्रेत्षों में बसने वाले अधिकांश ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि और उससे सम्बन्धित व्यवसाय ही है ।








अपने निर्माण अर्थात गठन काल से ही चर्चित सिसई विस क्षेत्र को आरम्भिक काल में झारखंड पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता था और 1952 और 1957 के विस चुनाव में यहाँ से मोरंग गोमके जयपाल सिंह मुण्डा की पार्टी झारखंड पार्टी के प्रत्याशी ही यहाँ से विजित होकर विधानसभा तक पहुंच पाने में सफल हुए थे। बाद में ही यहाँ कांग्रेस और भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय जनता पार्टी का पदार्पण हुआ और तब से भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के मध्य चुनावी समर का इतिहास रहा है। और फिर तो स्थिति यह हुई कि यह विधानसभा क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनावी संग्राम के केंद्र बनकर रह गया था । 1962 के बाद से यहाँ कभी भाजपा और कभी कांग्रेस प्रत्याशी विजित होते रहे। भाजपा के स्व. ललित उरांव और कांग्रेस के बन्दी उरांव यहाँ से क्रमशः तीन और पांच बार विधानसभा का सुख भोगने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं। 2000 के विस चुनाव में यहाँ से भाजपा के दिनेश उरांव तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी बन्दी उरांव को पराजित कर तत्कालीन बिहार विधानसभा में अपनी पहुँच बनाने में कामयाब हुए थे लेकिन झारखंड गठन के पश्चात 2005 के प्रथम विस चुनाव में भाजपा ने दिनेश उरांव का टिकट काटकर बिशुनपुर के समीर उरांव को अपना प्रत्याशी घोषित किया।
2005 में यहां सम्पन्न विस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी शशिकांत भगत को मात्र 643 मतों से पराजित कर भाजपा के समीर उरांव विधायक चुने गए थे । 2005 के विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजित विधायक समीर उरांव को 34217 मत तथा पराजित उम्मीदवार कांग्रेसी उम्मीदवार शशिकांत भगत को 33574 मत प्राप्त हुए थे । हार का अंतर मात्र 643 था । इस चुनाव में वोट % 54.48 था और चुनाव में पुरुष मतदाता 96185, महिला मतदाता 91919 कुल 188104 मतदाता मतदान में शामिल हुए थे । 2009 के चुनाव में समीर उरांव तो भाजपा प्रत्याशी तो थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बन्दी उरांव की पुत्रबधू गीता श्री उरांव सामने थी और भाजपा को हराते हुए कांग्रेस ने जीत दर्ज की। कांग्रेस नेता गीताश्री उरांव को जनता ने विधायक बनाया। 2009 के विस चुनाव में विधायक बनी कांग्रेस की गीताश्री उरांव को 39260 मत और पराजित उम्मीदवार भाजपा के समीर उरांव को 24319 मत प्राप्त हुए थे । हार का अंतर 14941 था। इस चुनाव में वोट % 62.41 दर्ज की गई थी और चुनाव में पुरुष मतदाता 94029 तथा महिला मतदाता 89024 कुल 183053 मतदाताओं ने भाग लिया था।



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