Friday, 20 December 2019

68- गुमला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 2019 विस चुनाव के प्रत्याशियों का प्रोफाईल

68- गुमला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 2019 विस चुनाव  के  प्रत्याशियों का प्रोफाईल 




भाजपा प्रत्याशी
प्रत्याशी का नाम – मिशिर कुजूर
अभिभावक- पिता- चौधरी कुजूर
पता- ग्रान- शाही टोली, पत्रालय  – नवागढ़, थाना- रायडीह , जिला -गुमला (झारखंड)
उम्र – 34 वर्ष
शिक्षा- रांची विश्वविद्यालय रांची सन 2005 में स्नातक
चुनाव चिह्न – कमल
आपराधिक मामले – कोई नहीं
सम्पति- मिशिर कुजूर के स्वयं के नाम पर 2,50, 000 रूपये, उनकी पत्नी अनूपा केरकेट्टा के नाम पर 75,000 रूपये तथा उनके पुत्री मनीषा व पुत्र प्रयागराज के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
मिशिर कुजूर के नाम पर यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में 730,000 रूपये व आई डी बी आई में 1, 70,000 रूपये और पत्नी अनूपा केरकेट्टा के नाम पर यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में 50,000 रूपये जमा हैं ।पुत्र, पुत्री के नाम पर किसी बैंक  में कोई पैसा जमा नहीं है ।
बीमा – मिशिर कुजूर ने दस लाख की बिमा जीवन बीमा निगम से कराई है लेकिन पत्नी  और पुत्र –पुत्री के नाम पर बीमा पालिसी नहीं  
वाहन – मिशिर कुजूर के नाम पर एक बोलेरो चतुष्पहिया वाहन और दो मोटर बाईक एक पल्सर व एक हौंडा सी बी जेड है उनकी पत्नी व पुत्र- पुत्रियों के नाम पर कोई वाहन पंजीकृत नहीं ।
जेवरात व आभूषण- मिशिर कुजूर के पास एक सौ ग्राम सोना चार लाख के हैं और उनकी पत्नी के पास आठ लाख के दो सौ ग्राम सोना और पच्चीस हजार के 500 ग्राम चांदी हैं । उनके पुत्र- पुत्रियों के नाम कोई आभूषण अथवा जेवरात अब तक नहीं है ।अपने घोषणा पत्र में उन्होंने यह जिक्र नहीं किया है कि उनके पास उपलब्ध सोना अथवा चांदी आभूषण अथवा जेवरात के रूप में है अथवा ऐसे ही बिस्कुट अथवा किसी अन्य रूप में ।मिशिर कुजूर ने अपने पास कुल 36,40,000 रूपये और अपनी पत्नी के पास कुल 9,50,000 रूपये की सम्पति अपने घोषणा पत्र में दर्शाई है ।

भूमि व स्थावर सम्पति- किसान पुत्र होने के बावजूद उनके अथवा उनकी पत्नी व पुत्र-  पुत्री के नाम कोई भूमि नहीं है ।
इसी तरह इनके नाम अन्य किसी प्रकार की कोई सम्पति होने का जिक्र अपनी घोषणा पत्र में इन्होने नहीं किया है हाँ, इन्होने आई डी बी आई से एक लाख रूपये का कृषि ऋण लेने का जिक्र इन्होने अपने घोषणा पत्र में जरुर किया है ।इनके उपर अन्य किसी प्रकार का देय नहीं है ।
वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत – ये स्वयं व्यवसायी और इनकी पत्नी गृहिणी हैं लेकिन व्यवसाय के प्रकार का वर्णन इन्होने नहीं किया है । पुत्र- पुत्री का भी अल्पायु होने कारण कोई व्यवसाय नहीं ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- विद्यार्थी जीवन से अखिल भारतीय विद्यार्थी  परिषद से जुड़े रहकर विद्यार्थियों व क्षेत्र की जनता के साथ उनके सुख- दुःख से जुड़े रहे हैं वर्तमान में भी परिषद के जिला अध्यक्ष हैं

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महागठबंधन का झामुमो उम्मीदवार
प्रत्याशी का नाम – भूषण तिर्की
पिता का नाम – एमानुएल तिर्की
पता- नदी टोली सिसई रोड गुमला , पत्रालय , थाना और जिला - गुमला
उम्र – 49 वर्ष
शिक्षा- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से 1997 में मैट्रिक
चुनाव चिह्न – तीर कमान
आपराधिक मामले – भूषण तिर्की के खिलाफ गुमला थाना में काण्ड संख्या- 184/16 व 421/16 से सम्बन्धित मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गुमला के न्यायालय में जी आर 488/16 के अंतर्गत  भारतीय दंड विधान की धारा 188/ 143
व 1161/16 के अंतर्गत धारा143, 144, 145, 342, 323,353 के तहत नाजायज मजमा बनाकर जुलुस प्रदर्शन, नारेबाजी कर निषेधाज्ञा का उल्लंघन और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला विचाराधीन है । इन पर कोई भी दोष अब तक सिद्ध नहीं हो पाया है ।
सम्पति- भूषण तिर्की  के स्वयं के नाम पर 75, 000 रूपये, उनकी पत्नी मालती तिर्की के नाम पर 80,000 रूपये तथा उनके तीन आश्रितों के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
भूषण तिर्की के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, गुमला में 95,219. 67 रूपये व यूनियन बैंक गुमला में 643.78 रूपये और पत्नी मालती तिर्की के नाम पर यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया में 14,75089.00 रूपये जमा हैं । और उनकी पत्नी मालती के नाम पर यूनियन बैंक में ही 6,90,000 रूपये का फिक्स्ड डिपोजिट में और बचत खाते में 4354.46 जमा है ।
पुत्र, पुत्री के नाम पर किसी बैंक  में कोई पैसा जमा नहीं है ।
बीमा – भूषण तिर्की द्वारा घोषित दावे के अनुसार उनका कोई बचत अथवा बीमा पालिसी नहीं है, हाँ , उनकी पत्नी के नाम पर डाक बचत खता में 1255.00 रूपये अवश्य जमा हैं लेकिन पत्नी  और पुत्र –पुत्री के नाम पर बीमा पालिसी नहीं।
वाहन – भूषण तिर्की के नाम पर कुल 37032880.45 रूपये के चार ट्रैक्टर, दो चतुष्पहिये वाहन – बोलेरो और स्कोर्पियो तथा एक टी वी एस मोटर साइकल है । उनकी पत्नी के पास  कुल 3002698.49 रूपये के दो ट्रैक्टर और तीस ग्राम सोना व एक किलोग्राम चांदी है ।भूषण तिर्की के पास अपना कोई आभूषण अथवा जेवरात नहीं । देखने की बात है कि हकीकत में उनके गले अथवा हाथ में कोई जेवर सजे हैं अथवा नहीं?उनकी पुत्र- पुत्रियों के नाम पर कोई वाहन पंजीकृत नहीं । और भूषण के संतानों के पास कोई आभूषण  भी नहीं ।

मिशिर कुजूर के विपरीत इनके पास सिमडेगा जिले के कोरकोटजोर में खाता संख्या-  30 में सात एकड़ तथा पत्नी मालती के नाम खाता 44 प्लाट 1370 में 1.04 एकड़ कृषि भूमि है ।घोषणा पत्र के अनुसार भूषण तिर्की की पत्नी के नाम पर स्वर्जित सम्पति के नाम पर तीस लाख की कृषि भूमि है जो उन्होंने 2009 में ढाई लाख रूपये में  खरीदी थी जो आज बढकर तीस लाख रूपये की हो गई है । चहारदीवारी युक्त गैर कृषि योग्य भूमि भी स्वर्जित रूप में उनकी पत्नी के नाम पर सात लाख रूपये की है । भूषण तिर्की के पास आवासीय भवन के रूप में गुमला नदी टोली खाता संख्या- 26 और 66 में 4350 वर्गफीट और 1500 वर्गफीट भूखंड में आवसीय भवन उपलब्ध हैं । जिनका अनुमानित मूल्य अस्सी लाख रूपये हैं ।
भूषण ने महिंद्रा फाइनांस से कुल 1565648.00 रूपये ट्रैक्टर , स्कोर्पियो आदि वाहनों के लिए ऋण भी ले रखी है उनकी पत्नी ने भी बैंक ऑफ़ इंडिया से भारत ब्रिक्स के नाम तेरह लाख रूपये ऋण के रूप में उधार ली है ।

वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत – ये स्वयं और इनकी पत्नी व्यवसायी और कृषक हैं और  व्यवसाय के प्रकार में इन्होने इसी का जिक्र किया है । पुत्र- पुत्री का कोई व्यवसाय नहीं ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- नेतरहाट फिल्ड फाइरिंग रेंज  से जुड़े आन्दोलन से इन्होने अपनी राजनीतिक यात्रा आरम्भ की थी और 2005 में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा से गुमला विधानसभा से विजयी होकर विधानसभा में प्रवेश पाने में सफलता पाई थी लेकिन 2009 में भाजपा प्रत्याशी कमलेश भगत से ये पराजित हो गये । तब से ये लगातार अपने क्षेत्र की जनता के साथ उनके सुख- दुःख से जुड़े रहे हैं वर्तमान में ये महागठबंधन से प्रत्याशी हैं

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झारखंड पार्टी  प्रत्याशी
प्रत्याशी का नाम – सरोज हेमरोम
पति – डॉ. अनूप विलियम लकड़ा 
पता-  ग्राम – बण्डा टोली, पत्रालय – भीखमपुर, थाना – जारी, जिला -गुमला (झारखंड)
उम्र – 43 वर्ष
शिक्षा-  बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना से 1993 में मैट्रिक (संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय रांची), रांची विश्वविद्यालय रांची से 1995 में  इंटर तथा सन 2002 में स्नातक (मारवाड़ी महाविद्यालय रांची) ।
चुनाव चिह्न- फलों  से युक्त टोकरी
आपराधिक मामले – अल्बर्ट एक्का जारी थाना में काण्ड संख्या 0017/17 से सम्बन्धित मामला अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) गुमला में जी आर – 852/17 के अतर्गत मार –पीट कर जातिसूचक शब्द इस्तेमाल से सम्बधित भारतीय दंड विधान की धारा 147,148, 341,323,506,353,427, 3(viii) (ix) एस टी एस सी एडी 1986 के तहत विचाराधीन है। अभी तक कोई मामला में दोषसिद्ध नहीं ।
जंगम आस्तियों के व्योरे-
सम्पति- सरोज हेमरोम के स्वयं के पास एक लाख रूपये नकद तथा उनके पति के पास चार लाख रूपये नकद हैं । उनके तीन में से एक आश्रित के पास भी बीस लाख रूपये हैं । उनके दो आश्रितों के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
सरोज हेमरोम के नाम पर इंडियन बैंक शाखा कोकर में तीन हजार उनके पति के नाम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में रोड रांची शाखा में बीस हजार रूपये जमा हैं ।पुत्र, पुत्री के नाम पर किसी बैंक  में कोई पैसा जमा नहीं है ।
बीमा – सरोज हेमरोम ने कोई बीमा अपनी नहीं कराई है और न ही कोई बचत खाता में कोई जमा है , हाँ उनके ने रिलायंस बीमा पचास हजार की करा रखी है । लेकिन पुत्र –पुत्री के नाम पर बीमा पालिसी अथवा बचत नहीं 
वाहन – सरोज हेमरोम के पास एक हौंडा एक्टिवा तथा उनके पति के पास एक ट्रैक्टर और एक स्कोर्पियो, एक बोलेरो, एक आल्टो व एक हीरो हौंडा मोटर साइकिल है ।  उनकी पुत्र- पुत्रियों के नाम पर कोई वाहन पंजीकृत नहीं ।
जेवरात व आभूषण- सरोज हेमरोम के पास साठ ग्राम सोना है । घोषणा पत्र के अनुसार उनके पति पुत्र- पुत्रियों के नाम कोई आभूषण अथवा जेवरात अब तक नहीं है । सरोज के पास फ्रीज, टी वी, मोबाईल, वाशिंग मशीन आदि कुल साथ हजार रूपये के हैं है ।
सरोज के पास कुल 27,67,000 रूपये की तथा उनके पति के पास कुल 1414000 रूपये तथा उनके एक आश्रित के पास कुल बीस हजार रूपये की कुल जंगम आस्तियां हैं

भूमि व स्थावर सम्पति- उनके अथवा उनकी पुत्र-  पुत्री के नाम कोई भूमि नहीं है । हाँ, उनके पति के पास बण्डो टोली में खाता संख्या-7- 21 तथा घटमा टोली खाता संख्या- 16 में कुल 5.91एकड़ कृषि भूमि है ।जिसका वर्तमान मूल्य तीन लाख रूपये है  । इनके पति के नाम घटमा टोली खता संख्या- 16 में 5,600 वर्गफीट गैर कृषि भूमि है । घटमा टोली में उनका खपड़ैल घर भी है ।रांची में भी 5600 वर्गफीट का आवासीय भूखंड है जिसमे से तीन हजार वर्गफीट में पक्का आवास बना हुआ है । जिसका वर्तमान मूल्य एक करोड़ पैंतीस तीस लाख पचास हजार रूपये है । 
इसी तरह इनके नाम अन्य कोई प्रकार की सम्पति नहीं होने का जिक्र अपनी घोषणा पत्र में इन्होने नहीं किया है हाँ, इन्होने महिंद्रा फाइनेंस ट्रैक्टर रांची छार लाख पचास हजार का ऋण तथा इंडियन बैंक कोकर से स्कोर्पियो हेतु तेरह लाख रूपये ऋण लेने का जिक्र  इन्होने अपने घोषणा पत्र में जरुर किया है, लेकिन वाहन कोलम में अपने नाम पर सिर्फ हौंडा एक्टिव होने का ही जिक्र किया है  ।इनके उपर अन्य किसी प्रकार का देय नहीं है ।
वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत – ये स्वयं सामजिक कार्यकर्ता हैं और वर्तमान जिला परिषद सदस्या हैं और इनके पति सरकारी सेवा में हैं । आय के स्रोत के रूप में इन्होने खेती लिखा है ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- क्षेत्र की जनता के साथ उनके सुख- दुःख से जुड़े रहे हैं वर्तमान में अल्बर्ट एक्का जारी प्रखंड से जिला परिषद सदस्या हैं

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झारखंड विकास मोर्चा (प्रगतिशील) प्रत्याशी
प्रत्याशी का नाम – राजनील तिग्गा
पिता – चीरस तिग्गा
पता- ग्राम – जी इ ए एल चर्च, लोहरदगा रोड गुमला, पत्रालय + थाना+ जिला -गुमला (झारखंड)
उम्र – 37 वर्ष
शिक्षा- रांची विश्वविद्यालय रांची सन 2007 में स्नातक
चुनाव चिह्न – कंघा
आपराधिक मामले – कोई नहीं और किसी मामले में दोषसिद्ध नहीं किया गया है ।
जंगम आस्तियों के व्योरे -
सम्पति- राजनील तिग्गा  के स्वयं के पास 50, 000 रूपये, उनकी पत्नी अंजेला स्वर्णदीपिका कुजूर  के नाम पर 20,000 रूपये तथा उनके पुत्र- पुत्री के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
बीमा – इनके अथवा पत्नी  और पुत्र –पुत्री के नाम पर बीमा पालिसी नहीं, कोई बचत योजना अथवा पालिसी नही   
वाहन –उनकी अथवा पत्नी व पुत्र- पुत्रियों के नाम पर कोई वाहन पंजीकृत नहीं ।
जेवरात व आभूषण- राजनील व उनकी पत्नी के पास क्रमशः दस व बीस ग्राम सोना मात्र है । इनके और इनकी पत्नी के पास जंगम आस्तियों के रूप में क्रमशः कुल 150736 रूपये और 94,000 रूपये सकल मूल्य की सम्पति है ।
उनके पुत्र- पुत्रियों के नाम कोई आभूषण अथवा जेवरात अब तक नहीं है ।

भूमि व स्थावर सम्पति- उनके अथवा उनकी पत्नी व पुत्र-  पुत्री के नाम कोई भूमि नहीं है । लोहरदगा रोड गुमला के खाता संख्या 32 व 104 में 0.77 एकड़ (13516 वर्गफीट) आवासीय भूमि है, जिसमे से 2180 वर्गफुट में आवास बना हुआ है, जिसकी वर्तमान अनुमानित कीमत नब्बे लाख रूपये है ।
उपर अन्य किसी प्रकार का देय नहीं है ।
वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत – ये स्वयं व्यवसायी और इनकी पत्नी गृहिणी हैं और इनके आय का स्रोत भी यही है लेकिन व्यवसाय के प्रकार का वर्णन इन्होने नहीं किया है । पत्नी, पुत्र- पुत्री का भी कोई व्यवसाय नहीं ।

राजनीतिक पृष्ठभूमि- कांग्रेस पार्टी  से जुड़े रहकर विद्यार्थियों व क्षेत्र की जनता के साथ उनके सुख- दुःख से जुड़े रहे हैं झाविमो में टिकट प्राप्त करने के पूर्व भी कांग्रेस से जुड़े हुए थे लेकिन कांग्रेस के महा गंठबंधन में शामिल हो जिले के सभी विस निर्वाचन क्षेत्रों को झामुमो को दे दिए जाने के बाद ये झाविमो के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं

चुनाव मैदान से बाहर है कांग्रेस, परम्परागत कांग्रेसी मतदाता असमंजस, ऊहापोह और दुविधा में


चुनाव मैदान से बाहर है कांग्रेस, परम्परागत कांग्रेसी मतदाता असमंजस, ऊहापोह और दुविधा में
-रणधीर निधि

गुमला । अनुसूचित जनजातियों के लिए पूर्णतः सुरक्षित सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे -वैसे राजनितिक दलों के साथ ही प्रशासनिक सरगर्मी बढती जा रही है । सिसई विस क्षेत्र में द्वितीय चरण में 7 नवम्बर को मतदान होना है और नतीजे 23 नवम्बर को आ जायेंगे। सिसई विधानसभा क्षेत्र वर्षों तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। बहुत अरसा नहीं बीता है, सन 1999 से 2014 तक सिसई क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनी गई गीताश्री उरांव झामुमो व कांग्रेस की सहभागिता वाली झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री पद पर काबिज थी।  2000 से पूर्व संयुक्त बिहार राज्य के समय और फिर झारखंड बनने के बाद भी कई सरकारों के समय कांग्रेस के लोग विभिन्न सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। इस क्षेत्र से दशकों तक कांग्रेस के कई मजबूत नेता रहे हैं, जिनमें से कई ने तो राज्य में भी अहम जिम्मेदारी संभाली है। लेकिन आज कांग्रेसी नेता सिसई विस क्षेत्र में ऊहापोह की स्थिति में हैं। यह स्थिति केवल केवल क्षेत्र और चुनावी राज्य तक सीमित नहीं है, राष्ट्रीय स्तर पर भी नेता उलझन में हैं। उलझन यहाँ तक है कि क्षेत्र की प्रमुख दावेदार रही पार्टी कांग्रेस ने आसन्न चुनाव में अपने प्रत्याशी तक नहीं उतारे । ऐसे में उसके परम्परागत मतदाता असमंजस, ऊहापोह और दुविधा में हैं कि आखिर वे अपना मत किसे दें? कहने को तो कांग्रेस का गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है , लेकिन महागठबंधन के सहयोगियों को ही झामुमो प्रत्याशी के रंग- ढंग नहीं सुहा रहे।


कांग्रेस और महागठबंधन के शुभ चिंतक कहते हैं,उनकी बयानबाजी स्थितियों को और उलझा रही है। कांग्रेस नेतृत्व कोई स्पष्ट दिशा, सोच और भविष्य का खाका पेश नहीं कर पा रहा है। सम्पूर्ण देश व राज्य से कांग्रेस को लेकर चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने देश के कई राज्यों की भांति ही सिसई विधानसभा क्षेत्र सहित सम्पूर्ण राज्य में भाजपा के लिए मैदान खुला छोड़ दिया है। सिसई विस क्षेत्र का ही मामला लें। यहाँ के कांग्रेस विधायक के पति और कांग्रेस से पांच बार विधायक रहे बन्दी उरांव के पुत्र अरुण उरांव ने कांग्रेस के प्रति वर्षों की प्रतिबद्धता को त्याग भाजपा का दामन एन चुनाव के पूर्व थाम लिया। भले उनको वर्तमान में टिकट नहीं दी गई लेकिन भाजपा आलाकमान ने उन्हें भाजपा की अनुसूचित जनजाति मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद देकर तुष्ट करने का कार्य किया है। राज्य स्तरीय कांग्रेसी नेताओं के आपसी सम्बन्ध व समन्वय भी ठीक नहीं है। इसका ताजा उदहारण कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सह वर्तमान चुनाव में लोहरदगा विस क्षेत्र के कांग्रेसी प्रत्याशी के पद सम्हालते ही एक भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा का दामन थामकर उनके सामने भाजपा के टिकट पर मैदान में कूद पड़ने में छिपा हुआ है ।नए- नए भाजपा से जुड़े ये भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष अब भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में कांग्रेस और महा गठबंधन प्रत्याशियों के समक्ष लोहरदगा से बाहर गुमला , सिसई , सिमडेगा कोलेबिरा, खूंटी आदि क्षेत्रों में भी चुनौती प्रस्तुत कर चुनावी पसीना छुडाते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के अंदर पूर्व और आज भी आपस में कई लोगों के बीच तलवारें खिंची हुई थीं और हैं। कईयों की आपस में पटती नहीं है।
 कहने का आशय यह कि कांग्रेस आपसी संघर्ष में ही उलझी हुई है। सिसई सहित पूरे झारखंड में भी कमोबेश यही स्थिति है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को लगता है कि वह कांग्रेस के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन पार्टी उनकी सुध नहीं ले रही है और उनका बेहतर इस्तेमाल नहीं कर रही है। कहने का आशय यह है कि ऊपर से नीचे तक नेतृत्वहीनता का असर दिख रहा है । सिसई और फिर पूरे जिले में कांग्रेसी प्रत्याशी नहीं होने का असर चुनाव प्रचार पर भी नजर आ रहा है। कांग्रेस लोगों से जुड़ नहीं पा रही है और न ही उनसे जुड़े मुद्दे उठा पा रही है। राज्य सरकार को लेकर लोगों की जो स्वाभाविक नाराजगी होती है, उसे वह अपने अथवा महागठबंधन के पक्ष में नहीं कर पा रही है ।दूसरी ओर भाजपा को देखें, तो गुमला, खूंटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कई अन्य केन्द्रीय मंत्री, मुख्य मंत्री रघुवर दास सहित उनके कैबिनेट के कई मंत्री अलग सघन प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेसी की एक दिक्कत और है कि विचारधारात्मक और प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर पार्टी का क्या रुख है, पार्टी नेताओं को यह स्पष्ट नहीं है। सबकी अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग है। केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना कर रही है, लेकिन झारखंड इसके मूक समर्थन में हैं। बहरहाल, लोकतांत्रिक व्यवस्था में क्षेत्र राज्य व देश का मुख्य विपक्षी दल की यह स्थिति शुभ संकेत नहीं है।

67 सिसई विधानसभा (अजजा सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों का प्रोफाईल


67 सिसई विधानसभा (अजजा सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों का प्रोफाईल 

विधानसभा क्षेत्र का संख्या व नाम – 67 सिसई विधानसभा (अजजा सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र

राजनीतिक दल- भारतीय जनता पार्टी
प्रत्याशी का नाम – डॉ. दिनेश उराँव
पिता का नाम स्व. पिटुवा उराँव
पता-  ग्राम – मुरगू अम्बा टोली, पत्रालय- मुरगू, थाना – सिसई, जिला - गुमला (झारखण्ड)
उम्र 56 वर्ष
शिक्षा- रांची विश्वविद्यालय रांची से 1987 में मानव विज्ञान में स्नातकोतर और 14 जून 2016 को समाज विज्ञानं में पी एच डी ।
चुनाव चिह्न कमल  
आपराधिक मामले कुछ नहीं , कोई मामला लंबित नहीं. किसी मामले में दोषसिद्ध नहीं ।
जंगम आस्तियों के व्योरे-
सम्पति- दिनेश उराँव  के स्वयं के पास 2,75, 000 रूपये, उनकी पत्नी मंजू कुमारी लकड़ा के नाम पर 3,50,,000 रूपये तथा उनके चार आश्रितों के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
दिनेश उराँव के नाम पर केनरा बैंक धुर्वा में 1,02,693 रूपये, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया डोरंडा में 17,54,623 रूपये और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया सिसई में 26442 रूपये और डाकघर धुर्वा में 1,05000 रूपये जमा है और उनकी पत्नी मंजू कुमारी लकड़ा के नाम पर केनरा बैंक धुर्वा 2146 रूपये और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया कांके रोड में 5,94,801 रूपये जमा है ।उनके चार आश्रितों के नाम पर कहीं कोई जमा राशि नहीं है ।
बीमा दिनेश उराँव  द्वारा घोषित दावे के अनुसार उनका 2,50.000 रूपये का भारतीय जीवन बीमा निगम का पालिसी और उनकी पत्नी के नाम भी भारतीय जीवन बीमा निगम की एक लाख की पालिसी है । उनके आश्रितों के नाम पर कोई बचत अथवा पोलिसी नहीं है ।

वाहन दिनेश उराँव के नाम पर एक इनोवा चतुष्पहिया वाहन और उनकी पत्नी के पास एक बोलेरो चतुष्पहिया वाहन है  

जेवरात व मूल्यवान वस्तु- दिनेश उरांव के पास मात्र दस ग्राम सोना और उनकी पत्नी के पास बीस ग्राम सोना व दो सौ ग्राम चांदी है । आश्रितों के पास किसी प्रकार की कोई आभूषण अथवा बहुमूल्य वस्तुएं नहीं ।
दिनेश उराँव के पास कुल जंगम आस्तियों के रूप में 44,03,257 रूपये और उनकी पत्नी के पास 20,06,529 रूपये की है।
स्थावर आस्तियां –
दिनेश उराँव के पास विरासत में मिली दो एकड़ कृषि भूमि है, जिसकी अनुमानित वर्तमान बाजार मूल्य सात लाख रूपये है । इसके साथ ही विरासत में ही मिली हुई 3200 वर्गफीट का कच्चा मकान है । उनकी पत्नी के पास कांके रोड रांची में खाता – 1, प्लाट संख्या- 31 में नौ डिसमिल और सिसई में खाता संख्या- 140 प्लाट 2299 में 18.50 डिसमिल गैर कृषि भूमि है । इनके पास 3450 वर्गफीट का निर्मित आवास है लेकिन किस भूमि पर है, घोषणा पत्र में यह दिखलाया नहीं गया है । स्थावर आस्तियों के रूप में दिनेश उरांव के पास कुल दस लाख और उनकी पत्नी के पास 31,50,000 रूपये की सम्पति है ।
दिनेश उराँव अथवा उनकी पत्नी या फिर उनके आश्रितों के नाम किसी प्रकार का कोई देय नहीं है ।

वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत ये स्वयं जे एम महाविद्यालय धुर्वा , रांची में मानव विज्ञान के सहायक प्राध्यापक हैं और इनकी पत्नी का व्यवसाय कृषि है और यही इनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है ।पुत्र- पुत्री का कोई व्यवसाय नहीं ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- दिनेश उराँव छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में हैं और भारतीय जनता पार्टी में झारखण्ड के भीष्म पितामह के नाम से संज्ञायित स्व. ललित उराँव के सम्पर्क में रहकर राजनीति का गुर सीखकर पूर्ववर्ती संयुक्त बिहार राज्य के समय 2000 में प्रथम बार भाजपा के टिकट पर सिसई विधानसभा से निर्वाचित होकर विधान सभा पहुँचने में कामयाब हुए थे, परन्तु 2005 के चुनाव में उनका टिकट काटकर एक बाहरी  प्रत्याशी समीर उराँव को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया, जिसमे समीर उरांव सफल रहे और पांच वर्ष के बाद 2009 में उन्हें पुनः सिसई विधानसभा से भाजपा का टिकट मिला लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी गीता श्री उरांव से पराजित रहे । 2014 के विस चुनाव में भाजपा ने पराजित प्रत्याशी समीर उराँव का टिकट काटकर दिनेश उरांव को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया, जिसमे त्रिकोणीय मुकाबला में दिनेश उरांव विजयी हुए और उन्हें झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष के पद से नवाजा गया, अब 2019 के चुनाव में उन्हें भाजपा ने पुनः प्रत्याशी बनाया है और वे पूरे दमखम से चुनाव मैदान में जुटे हैं ।

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राजनीतिक दल- झारखण्ड मुक्ति मोर्चा
प्रत्याशी का नाम – जिगा सुसारण होरो
पिता का नाम फगुवा मुण्डा
पता-  ग्राम –कालजे , पत्रालय- लापुंग, थाना – लापुंग, जिला – रांची (झारखण्ड)
उम्र 50 वर्ष
शिक्षा- जिगा जी ने हिन्दी विद्यापीठ, देवघर, झारखण्ड  से 2006 में मैट्रिक की परीक्षा उतीर्ण अर्थात पास की है ।

चुनाव चिह्न तीर कमान

आपराधिक मामले  जिगा सुसारण होरो के विरुद्ध कर्रा थाना जिला खूंटी में दर्ज  काण्ड संख्या – 42/11 के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी , खूंटी की अदालत में जी आर संख्या- 257/ 2011 से सम्बन्धित भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 353, 504, 120 एल ए, 34 के मामले में अपराधिक मामला विचाराधीन है, जो पुलिस को गाली- गलौज करने, मार- पीट की धमकी देने एवं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करने से सम्बन्धित है । उपरोक्त मामला दिनांक- 10/12/2013 से विरचित है । जिगा जी को कर्रा थाना काण्ड संख्या- 42/11 के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी खूंटी की अदालत से भारतीय दंड संहिता की धारा 504 से सम्बन्धित उपरोक्त मामले में पुलिस बल के साथ गाली- गलौज कर शान्ति भंग के मामले में दोषसिद्ध किया जा चूका है, और परीवेक्षा अधिनियम 1958 की धारा 4 का लाभ देकर एक वर्ष शान्ति रखने की शर्त पर दस हजार के निजी बंध पत्र पर मुक्त किया गया है । इस मामले में उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश खूंटी के न्यायालय में अपील संख्या- 16/18 दायर की है, जोप बहस हेतु लम्बित है ।

जंगम आस्तियों के व्योरे-
सम्पति- जिगा होरो  के स्वयं के पास 614261 रूपये, उनकी पत्नी क्रिष्टिना टोप्पो के नाम पर 46159 रूपये तथा उनके चार आश्रितों के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।
जिगा के नाम पर इलाहबाद बैंक (शाखा का नाम अंकित नहीं परन्तु खाता संख्या दर्ज) में 3218 रूपये उनकी पत्नी क्रिष्टिना के नाम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में 83015=27 रूपये उनकी पुत्री नेहा और निशा के नाम से क्रमशः 843=78 रूपये और 4215=१५ रूपये इलाहाबाद बैंक की किसी शाखा में जमा है । उनके दो और आश्रितों के नाम पर कहीं कोई जमा राशि नहीं है ।
बीमा जिगा के  द्वारा घोषित दावे के अनुसार उनका दो लाख रूपये का भारतीय जीवन बीमा निगम का पालिसी और उनकी पत्नी के नाम भी भारतीय जीवन बीमा निगम की एक लाख की पालिसी है । उनके आश्रितों के नाम पर कोई बचत अथवा पोलिसी नहीं है ।

वाहन जिगा के नाम पर एक सफारी स्ट्रोम चतुष्पहिया वाहन, कृषि उपकरण जीविका सहित कुल 2500259 रूपये सकल मूल्य की जंगम आस्तियां की घोषित सम्पति है  
जेवरात व मूल्यवान वस्तुएं- उनके पास को जेवर , आभूषण नहीं । गहनों की शौक़ीन लगती उनकी पत्नी के पास 185 ग्राम सोना सहित कुल   1,371405=27 रूपये सकल मूल्य की जंगम आस्तियां की सम्पति हैं । उनके दो आश्रितों नेहा और निशा के पास भी क्रमशः इक्कीस और दस ग्राम सोना मौजूद हैं ।

स्थावर आस्तियां –
जिगा के पास विरासत में मिली ग्राम – कालजे थाना- लापुंग में बारह एकड़ उनसठ डिसमिल  कृषि भूमि है, जिसकी अनुमानित वर्तमान बाजार मूल्य ग्यारह सात लाख रूपये है । इसके साथ ही कालजे में बीस डिसमिल लगभग 8712 वर्गफीट आवास्सेय भूखंड है जिसमे से

 दो हजार वर्गफीट  वर्गफीट में निर्मित आवास है, जिसकी अनुमानित मूल्य कुल सात लाख रूपये है ।
उनकी पत्नी अथवा आश्रितों के नाम कोई स्थावर सम्पति नहीं है ।
जिगा  अथवा उनकी पत्नी या फिर उनके आश्रितों के नाम किसी प्रकार का कोई देय नहीं है ।

वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत ये स्वयं कृषि, सामाजिक कार्य और राजनीति से जुड़े हुए हैं और यही उनका आजीविका का साधन है । इनकी पत्नी का वृति अर्थात उपजीविका का साधन कृषि एवं व्यवसाय है ।पुत्र-  पुत्री का कोई व्यवसाय नहीं ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- जिगा सुसारण होरो झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपने राजनीतिक जीवन का आरम्भ कर गत विधानसभा चुनाव 2014 में सिसई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं और भाजपा के प्रत्याशी दिनेश उराँव से पराजित होकर क्षेत्र की जनता से जुड़े रहे हैं । इस बार झामुमो ने सिसई विधानसभा क्षेत्र से पुनः अपना प्रत्याशी घोषित किया है ।
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राजनीतिक दल- झारखण्ड पार्टी
प्रत्याशी का नाम – सुनीता टोपनो
पति का नाम पियुस टोपनो
पता-  ग्राम – रामतोल्या, पत्रालय- रामतोल्या, थाना कामडारा, जिला - गुमला (झारखण्ड)
उम्र 38 वर्ष
शिक्षा- रांची विश्वविद्यालय रांची से 1997 में स्नातक (बिरसा महाविद्यालय खूंटी) ।
चुनाव चिह्न – फलों से युक्त टोकरी
आपराधिक मामले कुछ नहीं , कोई मामला लंबित नहीं. किसी मामले में दोषसिद्ध नहीं ।
जंगम आस्तियों के व्योरे-
सम्पति- सुनीता टोपनो  के स्वयं के पास जंगम आस्तियों के रूप में कुल 7983८५ रूपये और इनके पति के पास 932342 रूपये है ।तथा उनके चार आश्रितों के नाम पर एक भी पैसा नहीं है ।

स्थावर आस्तियां – सुनीता टोपनो के पास स्थावर सम्पति के रूप में कुल सोलह लाख रूपये और उनके पति के पास पांच लाख रूपये सकल मूल्य की स्थावर सम्पति है । स्वर्जित स्थावर सम्पति के रूप में सुनीता के पास एक लाख छयालिस हजार रूपये और इनके पति के पास पचास हजार की सम्पति है । जिनका वर्तमान अनुमानित मूल्य क्रमशः सोलह लाख और पच्चास हजार है । सुनीता टोपनो  अथवा उनके पति या फिर उनके आश्रितों के नाम किसी प्रकार का कोई देय नहीं है ।

वृति व आजीविका तथा  आय का स्रोत ये स्वयं समाज सेवी है और वर्तमान में जिला परिषद गुमला की सदस्या है और इनके पति सरकारी सेवा में हैं तथा इनकी आजीविका का साधन क्रमशः खेती और सरकारी वेतन है ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि- वर्तमान में ये जिला परिषद सदस्य हैं और इस बार झारखण्ड पार्टी से प्रत्याशी हैं

कांग्रेस ने मैदान छोड़ा, दिनेश उरांव को कांटे की टक्कर दे रहे जिगा सुसारण होरो


कांग्रेस ने मैदान छोड़ा, दिनेश उरांव को कांटे की टक्कर दे रहे जिगा सुसारण होरो




गुमला । झारखंड की 81 विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख स्थान प्राप्त सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र गुमला जिले का हिस्सा होने के साथ ही यह क्षेत्र लोहरदगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल है। गुमला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर और राजधानी रांची से 72 किलोमीटर दूर अवस्थित सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र चतुर्दिक नदियों, पहाड़ियोंऔर जंगल से घिरा हुआ है। यहां केग्इामीण क्रेत्षों में बसने वाले अधिकांश ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि और उससे सम्बन्धित व्यवसाय ही है ।








अपने निर्माण अर्थात गठन काल से ही चर्चित सिसई विस क्षेत्र को आरम्भिक काल में झारखंड पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता था और 1952 और 1957 के विस चुनाव में यहाँ से मोरंग गोमके जयपाल सिंह मुण्डा की पार्टी झारखंड पार्टी के प्रत्याशी ही यहाँ से विजित होकर विधानसभा तक पहुंच पाने में सफल हुए थे। बाद में ही यहाँ कांग्रेस और भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय जनता पार्टी का पदार्पण हुआ और तब से भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के मध्य चुनावी समर का इतिहास रहा है। और फिर तो स्थिति यह हुई कि यह विधानसभा क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनावी संग्राम के केंद्र बनकर रह गया था । 1962 के बाद से यहाँ कभी भाजपा और कभी कांग्रेस प्रत्याशी विजित होते रहे। भाजपा के स्व. ललित उरांव और कांग्रेस के बन्दी उरांव यहाँ से क्रमशः तीन और पांच बार विधानसभा का सुख भोगने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं। 2000 के विस चुनाव में यहाँ से भाजपा के दिनेश उरांव तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी बन्दी उरांव को पराजित कर तत्कालीन बिहार विधानसभा में अपनी पहुँच बनाने में कामयाब हुए थे लेकिन झारखंड गठन के पश्चात 2005 के प्रथम विस चुनाव में भाजपा ने दिनेश उरांव का टिकट काटकर बिशुनपुर के समीर उरांव को अपना प्रत्याशी घोषित किया।
2005 में यहां सम्पन्न विस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी शशिकांत भगत को मात्र 643 मतों से पराजित कर भाजपा के समीर उरांव विधायक चुने गए थे । 2005 के विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजित विधायक समीर उरांव को 34217 मत तथा पराजित उम्मीदवार कांग्रेसी उम्मीदवार शशिकांत भगत को 33574 मत प्राप्त हुए थे । हार का अंतर मात्र 643 था । इस चुनाव में वोट % 54.48 था और चुनाव में पुरुष मतदाता 96185, महिला मतदाता 91919 कुल 188104 मतदाता मतदान में शामिल हुए थे । 2009 के चुनाव में समीर उरांव तो भाजपा प्रत्याशी तो थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बन्दी उरांव की पुत्रबधू गीता श्री उरांव सामने थी और भाजपा को हराते हुए कांग्रेस ने जीत दर्ज की। कांग्रेस नेता गीताश्री उरांव को जनता ने विधायक बनाया। 2009 के विस चुनाव में विधायक बनी कांग्रेस की गीताश्री उरांव को 39260 मत और पराजित उम्मीदवार भाजपा के समीर उरांव को 24319 मत प्राप्त हुए थे । हार का अंतर 14941 था। इस चुनाव में वोट % 62.41 दर्ज की गई थी और चुनाव में पुरुष मतदाता 94029 तथा महिला मतदाता 89024 कुल 183053 मतदाताओं ने भाग लिया था।