नक्सलियों की चेतावनी के बावजूद जमकर हुआ मतदान
गत दिनों सम्पन्न झारखंड विधानसभा चुनाव में गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिला के अंतर्गत पड़ने वाले सिसई , गुमला , बिशुनपुर , लोहरदगा , सिमडेगा , कोलेबिरा , तोरपा के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित दूरगामी , दुरूह इलाकों में नक्सलियों के वोट बहिष्कार किये जाने के बावजूद मतदाताओं में खौफ नहीं देखा गया। नक्सलियों ने गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिले के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों के सैंकडों गांवों में वोट बहिष्कार से संबंधित दीवार-लेखन कर वोट नहीं देने की चेतावनी दी थी। मगर ग्रामीणों ने इसकी परवाह किए बगैर उत्साह के साथ जमकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए वोट डाला।
बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के बिशुनपुर प्रखंड के बनारी , बनालत , बेती , हापुड़ , घाघरा प्रखंड के बिमरला , दारदाग आदि क्षेत्र नक्सलियों के सर्वाधिक सुरक्षित और पुलिस से मुठभेड़ वाला क्षेत्र माना जाता है , परन्तु इन घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर भी वहाँ के मतदाताओं ने नक्सलियों के वोट बहिष्कार की घोषणा को अनसुना कर निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया । गुमला , सिसई ,लोहरदगा , सिमडेगा , कोलेबिरा और तोरपा विधानसभा क्षेत्रो के जंगली , पहाड़ी इलाकों के अधिकांश मतदान केन्द्रों के दीवारों पर नक्सलियों ने वोट बहिष्कार करने अन्यथा दण्डित किये जाने की घोषणा करते हुए नारे , श्लोगन लिख रखे थे , पोस्टर चिपका रखे थे जिन्हें पुलिस , प्रशासनिक पदाधिकारियों और मतदान कर्मियों ने मिटने की हिमाकत नहीं की , लेकिन मतदान कर्मियों के मतदान केन्द्रों पर पहुँचने के साथ ही मतदाताओं का मतदान के लिए मतदान केन्द्रों पर पहुंचना आरम्भ हो गया , जो दिन ढाले तीन बजे तक जारी रहा। सभी जगहों से मिल रही सूचनाओं के आधार पर गत चुनावों से इस बार नक्सल प्रभेइत क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत भी अच्छा है। गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली सभी प्रखंडों के दर्जनों गांव के मतदान केंद्रों के दीवारों पर माओवादियों ने वोट बहिष्कार की घोषणा की थी। कई स्थानों में जिस जगह पर मतदान कर्मियों का टेबल लगाया गया था। उसके ठीक पीछे दीवारों पर वोट बहिष्कार की चेतावनी लिखी हुई थी।
गत दिनों सम्पन्न झारखंड विधानसभा चुनाव में गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिला के अंतर्गत पड़ने वाले सिसई , गुमला , बिशुनपुर , लोहरदगा , सिमडेगा , कोलेबिरा , तोरपा के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित दूरगामी , दुरूह इलाकों में नक्सलियों के वोट बहिष्कार किये जाने के बावजूद मतदाताओं में खौफ नहीं देखा गया। नक्सलियों ने गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिले के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों के सैंकडों गांवों में वोट बहिष्कार से संबंधित दीवार-लेखन कर वोट नहीं देने की चेतावनी दी थी। मगर ग्रामीणों ने इसकी परवाह किए बगैर उत्साह के साथ जमकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए वोट डाला।
बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के बिशुनपुर प्रखंड के बनारी , बनालत , बेती , हापुड़ , घाघरा प्रखंड के बिमरला , दारदाग आदि क्षेत्र नक्सलियों के सर्वाधिक सुरक्षित और पुलिस से मुठभेड़ वाला क्षेत्र माना जाता है , परन्तु इन घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर भी वहाँ के मतदाताओं ने नक्सलियों के वोट बहिष्कार की घोषणा को अनसुना कर निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया । गुमला , सिसई ,लोहरदगा , सिमडेगा , कोलेबिरा और तोरपा विधानसभा क्षेत्रो के जंगली , पहाड़ी इलाकों के अधिकांश मतदान केन्द्रों के दीवारों पर नक्सलियों ने वोट बहिष्कार करने अन्यथा दण्डित किये जाने की घोषणा करते हुए नारे , श्लोगन लिख रखे थे , पोस्टर चिपका रखे थे जिन्हें पुलिस , प्रशासनिक पदाधिकारियों और मतदान कर्मियों ने मिटने की हिमाकत नहीं की , लेकिन मतदान कर्मियों के मतदान केन्द्रों पर पहुँचने के साथ ही मतदाताओं का मतदान के लिए मतदान केन्द्रों पर पहुंचना आरम्भ हो गया , जो दिन ढाले तीन बजे तक जारी रहा। सभी जगहों से मिल रही सूचनाओं के आधार पर गत चुनावों से इस बार नक्सल प्रभेइत क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत भी अच्छा है। गुमला , लोहरदगा और सिमडेगा जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली सभी प्रखंडों के दर्जनों गांव के मतदान केंद्रों के दीवारों पर माओवादियों ने वोट बहिष्कार की घोषणा की थी। कई स्थानों में जिस जगह पर मतदान कर्मियों का टेबल लगाया गया था। उसके ठीक पीछे दीवारों पर वोट बहिष्कार की चेतावनी लिखी हुई थी।
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