Sunday, 7 December 2014

गुमला में धड़ल्ले से जारी है गैरकानूनी अवैध रूप से पत्थर खनन कार्य

गुमला में धड़ल्ले से जारी है गैरकानूनी अवैध रूप से पत्थर खनन कार्य

झारखण्ड प्रान्त के गुमला जिला के सभी प्रखंड क्षेत्रों के जंगली -
पहाड़वर्ती गाँवों में सरकारी परती , चरागाह भूमि , वन्य क्षेत्रों और आम
रास्ते के आस - पास अवैध  पत्थर खनन कार्य में लिप्त लोगो ने गैरकानूनी
अवैध रुप से पत्थरो की खदान चालू कर अपनी जेबे भरने का काम व्यापक पैमाने
पर चला रखा है, जबकि उच्चतम न्यायालय व झारखण्ड सरकार ने अवैध पत्थरो की
खदानो पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन खनन माफियां उच्च न्यायालय
व राज्य सरकार के आदेश को धत्ता बताकर अवैध खनन करने से बाज नही आ रहे
हैl ऐसा जिला के प्रायः सभी प्रखण्ड क्षेत्रों में हो रहा है , परन्तु
सरकारी अमला चुप - चाप अपना हित साधने में लगा है lइधर जिले में कई ऐसे
सरकारी पक्के कार्य भी चल रहे है जंहा अवैध पत्थरो की खदानो से प्राप्त
चोरी का पत्थर भी बेख़ौफ़ धड़ल्ले पंहुच रहा है और योजनाओं के संपादन में
अवैध रूप से खनन से प्राप्त पत्थरों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है
lखनन माफिया के साथ साथ सरकारी सेवक  भी न्यायालय व प्रदेश सरकार के आदेश
को धत्ता बताने से बाज नही आ रहे है जबकि जिला एव अंचल - प्रखण्ड
प्रशासन, खनन विभाग व पुलिस मूक दर्शक बन चुप चाप तमाशा देखती नजर आ रही
है इतना ही नही जिले के प्रायः सभी प्रखण्ड क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रो
में भी अवैध पत्थरो की खदानो का बङे पैमाने पर धन्धा जोरों से फल - फूल
रहा हैl जिले के वन्य क्षेत्रों में अवस्थित पहाड़ - चट्टानों एवं नदियों
के चट्टानों के खाना पर वन विभाग द्वारा रोक लगाने की बात भी सरकारी स्तर
पर की जाती है, परन्तु जिले में वन अधिकारीयों की मिलीभगत से वन्य
क्षेत्रों में भी स्थित चट्टानों का खनन व्यापक पैमाने में जारी हैl हाथी
संरक्षण व हाथियों के आप्रवासन व बेहतर देख - भाल के लिये पालकोट
प्रखण्ड क्षेत्र में अवस्थित वन्य क्षेत्र को हाथी आश्रयणी क्षेत्र घोषित
करते हुए वन्य क्षेत्र से किसी भी प्रकार के खनन और ब्रिक्ष कटाई पर रोक
है , परन्तु हाथी आश्रयणी क्षेत्र के दर्जनों गाँवों में पत्थर का अवैध
उत्खनन कार्य बड़े पैमाने पर हो रही है l इस बात की खबर अंचल - प्रखण्ड
प्रशासन से लेकर वन व खनन अधिकारी से लेकर जिला उपायुक्त पुलिस अधीक्षक ,
मुख्य सचिव व सरकार तक को है परन्तु इस पर अंकुश लगाने की बजाय इस
गैरकानूनी अवैध पत्थर खनन कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है l इसी प्रकार
हाथी आश्रयणी क्षेत्र से वन्य ब्रिक्षों की कटाई भी व्यापक स्तर पर होने
की घटनाओं पर भी वन विभाग के द्वारा अंकुश नहीं लगाया जा रहा है l
पत्थरों की अवैध खनन में प्रयुक्त होने वाली विस्फोटकों से उत्पन्न होने
वाली भयंकर आवाजों  व छेना - हथौड़ों की चित - फट - फाट की आवाजों तथा
ब्रिक्षों की कटाई हेतु लोगों के आवाजाही से हाथी परेशान हो रहे हैं और
अपने निवास क्षेत्र से बाहर निकल मानव बस्तियों की ओर रूख करने लगे हैं
और मनुष्यों के साथ ही घर - बारी , खेत - खलिहान और फसलों कू क्षति
पहुँचा रहे हैं l वन्य क्षेत्रों मे तो पत्थरों के खनन हेतु लीज का
नवीनीकरण कार्य भी नहीं हो रहा परन्तु वन क्षेत्रों में भी यह खनन कार्य
अभी भी बदस्तूर जारी है l
जिले के कई इलाकों के पहाड़ों में पिछले कई वर्षों से अवैध खनन के भरोसे
क्रेशर चल रहे हैं। क्रेशर लगाने के लिए क्रेशर मालिकों ने लीज ले रखी
है। क्रेशर मालिक इन लीज से ही खनन कर सकते हैं, लेकिन क्रेशर मालिक
निर्घारित लीज के अलावा लीज के बाहर के पहाड़ों से , चट्टानों से अवैध
रूप से खनन कर रहे हैं। कई क्रेशर मालिकों की लीज खत्म हुए कई साल बीत
चुके हैं। जिले के चट्टानों , पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर खनन कर क्रेशर
में पिसाई कर कंक्रीट व गिट्टी बनाने का कार्य चल रहा है। यह गिट्टी
ट्रकों में भरकर सड़कों व अन्य निर्माण कार्यो के लिए सप्लाई की जा रही
है। कई के्रशर मालिक बिना लीज के ही पहाड़ों में अवैध रूप से खनन कर रहे
हैं। वन विभाग के अधिकारियों को जिले के पहाड़ों में अवैध खनन की जानकारी
के बावजूद वे क्रेशर मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
जिले में करीब पाँच दर्जन क्रेशर लगे हुए हैं। जहां पत्थरों की पिसाई कर
गिट्टी व कंक्रीट बनाई जा रही है।
दरअसल, क्रेशर मालिकों ने जो अपने नाम से लीज करा रखी है। उसमें योजनाओं
में प्रयुक्त की जाने योग्य पत्थर नहीं हैं अथवा कम हैं । योजनाओं में
प्रयुक्त की जाने योग्य पत्थर लीज क्षेत्र के बह्हर के चट्टानी क्षेत्रों
व पहाड़ों में ही है। सड़क ठेकेदार उत्तम जिन्दा पत्थर की गिट्टी व
कंक्रीट की डिमाण्ड करते हैं। मृत भुरभुरा हो चुके पत्थर की गिट्टी व
कंक्रीट की माँग डिमांड कम है। इस कारण क्रेशर माफिया जिले के जीवित
चट्टानों व पहाड़ों से बेहतर प्रकार के पत्थर का खनन कर रहे हैं और इन
पत्थरों की गिट्टी व कंक्रीट बेच रहे हैं।

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