Sunday, 6 April 2014

लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 11.16 लाख मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला

लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 11.16 लाख मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला

अनुसूचित जनजातियों के लिए पूर्णतः सुरक्षित लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे नौ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 11 लाख 16 हजार 227 मतदाता करेंगे। इसमें पुरुष मतदाता पांच लाख 76 हजार 774 है तथा महिला मतदाता पांच लाख 39 हजार 453 है। लोहरदगा क्षेत्र  के अंतर्गत पडऩे वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों में 1478 मतदान केन्द्र बनाए गए है। इसमें 400 मतदान केन्द्र अति संवेदनशील है। अतिउग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में चुनाव कराना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। शहर से लेकर गांव में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 


लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में विधानसभावार मतदान केन्द्र व मतदाताओं  की संख्या 


लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र पड़ता है। इसमें मांडर में 316 मतदान केन्द्र  है। यहां दो लाख 81 हजार 468 मतदाता है। इसमें पुरुष एक लाख 46 हजार 401 व महिला मतदाता एक लाख 35 हजार 67 है। सिसई में 294 मतदान केन्द्र  है। यहां दो लाख सात हजार 538 मतदाता है। इसमें पुरुष एक लाख छह हजार 115 व महिला मतदाता एक लाख एक हजार 423 है। गुमला में 282 मतदान केन्द्र है। मतदाता दो लाख 5089 है। इसमें पुरुष 104983 व महिला मतदाता 100106 है। विशुनपुर में 315 मतदान केन्द्र है। यहां 209700 मतदाता  है। इसमें पुरुष 109159 व महिला वोटर 100541 है। लोहरदगा में 271 मतदान केन्द्र है। यहां 212432 मतदाता है। इसमें पुरुष 110116 व महिला 102316 मतदाता है।



लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद 


 लोहरदगा क्षेत्र मे हमेशा से भाजपा व कांग्रेस के बीच टक्कर होती रही है। लेकिन 2009 के चुनाव में निर्दलीय चमरा लिंडा के संसदीय चुनाव में उतरने से इन दोनों पार्टियों की गणित बिगाड़ दिया था। इस बार भी चमरा टीएमसी की टिकट पर लड़ रहे हैं। अगर चुनावी गणित को देखे तो इस बार लोहरदगा सीट से चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार हैं। भाजपा के सुदर्शन भगत, कांग्रेस के रामेश्वर उरांव को तृणमूल कांग्रेस  के चमरा लिंडा टक्कर दे सकते हैं।



लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है l पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजयी प्रत्याशी सुदर्शन भगत को एक लाख 44 हजार 605 वोट मिले थे , जबकि दूसरे स्थान पर रहनेवाले चमरा लिंडा को एक लाख 36 हजार 344 वोट मिले थे l  कांग्रेस प्रत्याशी डॉ रामेश्वर उरांव तीसरे स्थान पर रहे , इन्हें एक लाख 29 हजार 610 वोट मिले l चौथे स्थान पर रमा खलखो रहीं,  जिन्हें 32 हजार 219 वोट मिले l आजसू पार्टी के डॉ देवशरण भगत 16 हजार 612 वोट के साथ पांचवें स्थान पर रहे l जेवीएम के डॉ बहुरा एक्का 14 हजार 798 वोटों के साथ छठे स्थान पर रहे l चमरा लिंडा को मिले वोट ने दोनों प्रमुख राजनीतिक दल (कांग्रेस और भाजपा) की नींद उड़ा दी थी l कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था , चूंकि वर्ष 2004 में इस सीट से कांग्रेस पार्टी के डॉ रामेश्वर उरांव चुनाव जीते और 2009 में वे तीसरे स्थान पर चले गये l

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