Sunday, 25 January 2015

कृषि अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की घोषणा का स्वागत

कृषि अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की घोषणा का स्वागत 


केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के द्वारा झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुबर दास के साथ बैठक में झारखण्ड के हजारीबाग में कृषि अनुसंधान केन्द्र शीघ्र खोले जाने की घोषणा का गुमला जिले किसानों और कृषि विभाग के जनसेवकों ने स्वागत किया है और केन्द्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है l जिले के जनसेवकों ने भी कृषि अनुसन्धान केन्द्र खोले जाने की घोषणा पर केन्द्रीय कृषिमंत्री और प्रान्त के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अंततः सरकार का ध्यान भी प्रान्त के कृषि की ओर स्वतः आकृष्ट हुआ और यहाँ के स्थानीयता के आधार पर कृषि कार्य को बढ़ावा देने हेतु झारखण्ड में भी पूषा कृषि अनुसंधान केन्द्र की तर्ज पर कृषि अनुसन्धान केन्द्र के स्थापना किये जाने का निर्णय लेना पड़ा l जिले के पालकोट प्रखण्ड में पदस्थापित जनसेवक अशोक कुमार गुप्ता ने अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना से स्थानीय भौगोलिक क्षेत्रानुसार झारखण्ड के स्थानीय प्रभेद के बीजों से अधिकाधिक फसलोपज प्राप्त करने के साथ ही स्थानीय प्रभेदों के बीजों के संरक्षण , संवर्द्धन और प्रवर्द्धन सुनिश्चित किया जा सकेगा l प्रान्त में कृषि अनुसंधान केन्द्र के अनुसंधानरत्त रहने से झारखण्ड के वैविध्यपूर्ण जैव विविधता के संरक्षण, सम्वर्द्धन व प्रवर्द्धन होगी और हम अपने पूर्वजों की गौरवमयी परम्परा को सहेज रखने में भी सक्षम होंगे l पालकोट प्रखण्ड के ही जनसेवक किशोर राम , झरिया उराँव , रामरतन मिंज, कान्ता कुमारी, रामावतार साहु और सिसई के शंकर राम , प्रदीप लकड़ा कोल्हासर , चैनपुर के मिखकन टोप्पो आदि ने जनसेवकों ने सरकार के इस निर्णय का पुरजोर स्वागत करते हुए कहा कि अनुसन्धान केन्द्र केखुलने से प्रदेश में कृषि के नए तकनीकों का प्रचार - प्रसार होने और अधुनातन व नूतन कृषि परम्पराओं के स्थानीयता के आधार पर समन्वय से कृषि फसलोपजों में गुणात्मक विकास होगी और हम खाद्यान के मामले में पहले से और भी आत्मनिर्भर और सक्षम होंगे lपालकोट प्रखण्ड के उत्तरी पालकोट पञ्चायत के कृषि मित्र प्रवीण कुमार भगत कहते हैं अनुसन्धान केन्द्र के खुलने से प्रदेश में कृषि के नवीन तकनीकों के प्रचार - प्रसार के कारण फसलोपज में वृद्धि होने से पलायन को विवश लोग घर पर ही खेती कर बेहतर जीवन बसर कर पायेंगे  l
कृषि अनुसंधान केन्द्र की घोषणा पर खुश होते हुए जिले के किसानों ने कहा कि इससे यहाँ के जमीन के स्वरुप के आधार  पर फसलोपज लेने हेतु स्थानीय तौर पर अनुसंधान होने से यहाँ के कृषि क्षेत्रों से अच्छा फसल हने की उम्मीद बढ़ जायेगी lभारतीय जनता पार्टी के भारतीय किसान मोर्चा के जिले के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय कृषि मंत्री की इस घोषणा क पुरजोर स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में कृषि को एक नया आयाम मिलेगी l गुमला प्रखण्ड के खोरा गाँव के एक छोटे जोत वाले कृषक गोंदल सिंह कहते हैं, झारखण्ड में कृषि अनुसंधान केन्द्र खोला जाना राज्य के कृषि और कृषकों के लिये वरदान साबित होगा l सिसई प्रखण्ड के सुरसा गाँव के किसान जगदीश सिंह का कहना है कि अनुसन्धान केन्द्र के खुलने से राज्य में कृषि का चहुंमुखी विकास होगा  l


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सरस्वती पूजा की धूम जारी
गुमला : जिले में विगत दिन से आरम्भ हुई सरस्वती पूजा की धूम आज भी अनवरत जारी है l वसन्त पञ्चमी की शाम माता सरस्वती की सन्ध्या आरती के पश्चात सरस्वती भक्तों की मंद हुई पूजा-अर्चना आज सुबह पुनः सरस्वती की प्रातः वन्दना , पूजा- अर्चा और आरती के साथ तेजी से आराधनामय हो चली और पूजा पंडालों पर पुनः माँ भक्तों की लंबी कतारें सुबह से शाम पर्यन्त लगी रहीं l आरती , श्लोकों और भक्ति मय गीतों से जिला . प्रखण्ड और अन्यान्य पूजन स्थलों के आस - पास का वातावरण दिन भर गूंजायमान रहा  l यद्यपि अधिकाँश स्थलों पर सरस्वती पूजन का कार्यक्रम अनवरत जारी ही और मूर्ति विसर्जन आज नहीं किये जाने की योजना है तथापि जिले के कुछ विद्यालयों में सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन की भी खबरें हैं  l

Saturday, 24 January 2015

समारोह पूर्वक मनाई जा रही गुमला जिले में सरस्वती पूजन

समारोह पूर्वक मनाई जा रही गुमला जिले में सरस्वती पूजन 

सम्पूर्ण भारतवर्ष की भान्ति झारखण्ड प्रान्त के गुमला जिले में भी  वसन्तोत्सव अर्थात मदनोत्सव के प्रारम्भण दिवस और काम के प्रतिरूप कामदेव व रत्ति के अराधना दिवस वसन्त पञ्चमी के शभ पावन अवसर पर सरस्वती पूजन का  समारोहपूर्वक आयोजन किया जा रहा है । जिले के शहरी, कस्बे, गाँव - देहात के टोलो -मुहल्लों सर्वत्र  मनोहारी प्राकृतिक परिवर्तनों व सरस्वती पूजा का पर्व वसन्त पञ्चमी धूम-धाम के साथ मनाई जा रही है। मन्त्र- श्लोक , भक्ति गीतों के साथ ही वीणा वादिनी देवी सरस्वती के जयकारे की गूँज जिले में चहुँओर गुंजायमान है । गुमला जिला मुख्यालय के साथ ही जिले के सभी प्रखण्ड मुख्यालयों में दर्जनों पूजा - पंडालों में विद्यादेवी सरस्वती की आकर्षक मूर्तियों का प्रतिस्थापन कर सरस्वती भक्त सरस्वती आराधना में लगे हुए हैं । ऐसे में पूजा - पाठ कर्मकाण्ड करने वाले पण्डितों की बन आई है और वे कई - कई स्थानों पर आनन् - फानन में पूजा कराकर दोनों हाथ से दक्षिणा बटोरने में लगे हैं । इस पर भी उन्हें फुर्सत नहीं।

 मनोहारी प्राकृतिक परिवर्तनों को संजोए भारतीय संस्कृति व धर्म में विषेष महत्व रखने वाले इस पर्व का महत्वपूर्ण घटनाओं से सम्बन्ध होने के कारण जिले के प्रकृतिप्रेमी , साहित्यजीवी इस उत्सव का पृथक् रूप से आनन्द लेने में लगे हैं । हालाँकि दिन भर सूर्य भगवान आँख -मिचौली करते रहे हैं , तथापि आज जिले में ठण्ड का असर काम देखा गया और प्रकृति प्रेमी जहाँ मनोहारी प्राकृतिक दृश्यों का आनद लेने में लीन हैं , वहीँ वीर पुरूष केसरिया बाना व पगड़ी पहन हकीकत राय और राम सिंह कूका को नमन कर देश के प्रति समर्पित हो जाने की प्राण ले रहे हैं और साहित्यजीवी निराला जयन्ती मनाकर वसन्त पञ्चमी का स्वागत कर रहे हैं ।इस निमित जिले में विविध प्रकार के आयोजनों के आयोजित किये जाने की सूचनाएं भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मिल रही हैं ।कुछ खास घरों में वसन्त स्वरुप कामदेव एवं रत्ति का अबीर - गुलाल और पुष्पों से पूजन कर गृहस्थ जीवन में विशेष सूख - शान्ति प्राप्ति हेतु आराधना - उपासना किये जाने की भी खबर है । उधर जिले के पालकोट प्रखण्ड मुख्यालय स्थित पम्पापुर की पहाड़ियों की गुफा में और तालाब के पानी के ऊपर पालकोट के सरस्वती पूजा आयोजन समितियों के द्वारा भी वृहद साज - सज्जा के साथ माँ सरस्वती की प्रतिमा का स्थापन किया गया है । प्रतिवर्ष की भान्ति इस वर्ष भी विभिन्न पूजा समितियों द्वारा प्रतिस्पर्द्धा में किये जा रहे आयोजन में विद्युत की जगमगाती साज - सज्जा लोगों को आकर्षित कर रही हैं और लोग सरस्वती -पूजन हेतु पहाड़ी पर खींचे चढ़े जा रहे हैं । यहाँ के सरस्वती पूजा के आयोजन की धूम जिले से बाहर और पडोसी राज्यों तक है ।यहाँ प्रतिवर्ष की भान्ति जिले से बाहर सिमडेगा , खूंटी , लोहरदगा और राँची के साथ ही पडोसी राज्यों छतीस गढ़ और उड़ीसा से भी कुछ श्रद्धालु सरस्वती पूजा में शामिल होने के लिये आये । हालाँकि कुछ वर्ष पूर्व तक इस क्षेत्र में पतंगबाजी का शौक काम था तथापि जिले में अब वसन्त पञ्चमी के अवसर पर पतंग बाजी भी होने की सूचना है । मीठा भोजन के साथ ही जिले भर में वसंतोत्सव की धूम मची है जो अगले कई दिनों तक जारी रहेगी जो माँ सरस्वती के प्रतिमा -विसर्जन के पश्चात ही समाप्त होगीl